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दुश्मन के दाँत खट्टे किए

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार
अहमदाबाद (गुजरात ) 
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कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष……….


मेरे देश के वीर सपूतों ने
लिख दी एक अमर कहानी,
दुश्मन के दाँत खट्टे किए
नियंत्रण रेखा के बाहर खड़ा किया
ये शौर्य की गाथा जन-जन ने पहचानीl
ये उन्नीससौ निन्यानवे में
लिखी भारत भूमि पर,
साहस और जांबाजी
की मिसाल बनीl
तीस हजार भारतीय सैनिकों ने
कुल पांच हजार
घुसपैठियों को मुँह की खिलाई,
वापसी हुई
सेनानायक थे वेद प्रकाश मलिकl
इस चुनौती को ‘ऑपरेशन विजय’ नाम देकर
अठारह फीट की ऊंचाई पर,
तीन तरफा हमला बोल
टाइगर हिल पर पुनः अधिकार पायाl
भारतीय सेना ने
पाकिस्तान को परास्त कर,
कुल दो महीने में
कारगिल युद्ध समाप्त कियाl
मातृत्व भूमि पर
तन-मन न्योछावर कर,
पाँच सौ सत्ताइस शहीद हुए युद्ध में
ये युद्ध परमाणु परीक्षण का था परिणामl
दुश्मन डर से काँप उठा
आतंक के साये में अपनी
मंशा मनवाने चला था,
भारत और पाकिस्तान के बीच
पहला सशस्त्र संघर्षl
वीर शहीदों को नमन कर
‘कारगिल विजय दिवस’,
छब्बीस जुलाई को
बीसवीं वर्ष गाँठ मनाएं,
हर भारतीय के हृदय में
देशप्रेम जगाएं,
खुशी के दीप जलाएंll

परिचयडाॅ.आशासिंह सिकरवार का निवास गुजरात राज्य के अहमदाबाद में है। जन्म १ मई १९७६ को अहमदाबाद में हुआ है। जालौन (उत्तर-प्रदेश)की मूल निवासी डॉ. सिकरवार की शिक्षा- एम.ए.,एम. फिल.(हिन्दी साहित्य)एवं पी.एच.-डी. है। आलोचनात्मक पुस्तकें-समकालीन कविता के परिप्रेक्ष्य में चंद्रकांत देवताले की कविताएँ,उदयप्रकाश की कविता और बारिश में भीगते बच्चे एवं आग कुछ नहीं बोलती (सभी २०१७) प्रकाशित हैं। आपको हिन्दी, गुजराती एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। आपकी कलम से गुजरात के वरिष्ठ साहित्यकार रघुवीर चौधरी के उपन्यास ‘विजय बाहुबली’ का हिन्दी अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है। प्रेरणापुंज-बाबा रामदरश मिश्र, गुरूदेव रघुवीर चौधरी,गुरूदेव श्रीराम त्रिपाठी,गुरूमाता रंजना अरगड़े तथा गुरूदेव भगवानदास जैन हैं। आशा जी की लेखनी का उद्देश्य-समकालीन काव्य जगत में अपना योगदान एवं साहित्य को समृद्ध करने हेतु बहुमुखी लेखनी द्वारा समाज को सुन्दर एवं सुखमय बनाकर कमजोर वर्ग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मूल संवेदना को अभिव्यक्त करना है। लेखन विधा-कविता,कहानी,ग़ज़ल,समीक्षा लेख, शोध-पत्र है। आपकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और आकाशवाणी से भी प्रसारित हैं। काव्य संकलन में आपके नाम-झरना निर्झर देवसुधा,गंगोत्री,मन की आवाज, गंगाजल,कवलनयन,कुंदनकलश,
अनुसंधान,शुभप्रभात,कलमधारा,प्रथम कावेरी इत्यादि हैं। सम्मान एवं पुरस्कार में आपको-भारतीय राष्ट्र रत्न गौरव पुरस्कार(पुणे),किशोरकावरा पुरस्कार (अहमदाबाद),अम्बाशंकर नागर पुरस्कार(अहमदाबाद),महादेवी वर्मा सम्मान(उत्तराखंड)और देवसुधा रत्न अलंकरण (उत्तराखंड)सहित देशभर से अनेक सम्मान मिले हैं। पसंदीदा लेख़क-अनामिका जी, कात्यायनी जी,कृष्णा सोबती,चित्रा मुदगल,मृदुला गर्ग,उदय प्रकाश, चंद्रकांत देवताले और रामदरश मिश्र आदि हैं। आपकी सम्प्रति-स्वतंत्र लेखन है।