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मोबाइल

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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आधुनिक युग की श्रेष्ठतम कृति,
कराता यह सदैव ज्ञान की पूर्ति
पटी पड़ी है इससे सारी धरती,
संचार ज्ञान की यह प्रत्यक्ष मूर्ति।

वर्तमान युग की है यह सबसे पवित्र वस्तु,
मंदिर मस्जिद चर्च या हो फिर गुरुद्वारा
घर नदी तालाब हो या फिर शमशान,
कहीं होता ना कम इनकी पवित्रता का मान।

देख इसे सभी हैं इसके कायल,
रहता संग जैसे यह बिंदी पायल
अभाव में होता तन मन घायल,
है यह हमारा अपना मोबाइल।

मोबाइल कराता हमारी अपनों से बात,
हरदम रखता दोस्तों को अपने साथ
ज्ञान विज्ञान की यह बातें सिखाता,
सुख सौहार्द की यह हमें देता सौगात।

इसके अंदर छिपे हैं भाव सारे,
बात संदेश गीत या मस्ती प्यारे
अच्छे-बुरे,पूरे या फिर अधूरे,
जैसे चाहो कर लो सपने पूरे।

करो यदि इसका इस्तेमाल ज्ञान और संयम से,
होगा सहायक यह आपके सपनों की मंजिल के
संयम और ज्ञान में यदि हो गई तुमसे कोई चूक,
तो तुम्हारे सपनों से वह मिटाएगा अपनी भूख।

है यह हमारा प्यारा मोबाइल,
सब चीजों से न्यारा मोबाइल।
सुख-दु:ख का खजाना मोबाइल,
जन-जन का सहारा मोबाइल॥

परिचय–साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैl जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैl साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैl सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंl लेखन विधा-कविता एवं लेख हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंl विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।