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जन्मदिन-बधाई

गोपाल मोहन मिश्र
दरभंगा (बिहार)
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हर कोई बधाई देता है,
कहता है मिले जीवन में आपको तृप्ति
रहें आप सर्वश्रेष्ठ हमेशा,
ऐसी हो आपकी ख्याति-कीर्ति।

सबके हँसते होठों पर,
नाम हमारा होता है
जितनी आने की ख़ुशी होती है इस लम्हे की,
उतना ही जाने का ग़म होता है।

पर बीत जाता है इंतज़ार का वक़्त,
फिर कोयल गीत सुनाती है
फिर से ख़ुशी उमंग लिए,
अगले वर्ष वह घड़ी फिर वापस आती है।

कहने को तो उत्सव है यह दिन,
जिसे सारा जग मनाता है
सच पूछो तो जीवन की अवधि ही नहीं,
और एक वर्ष कम हो जाता है।

फिर भी उमंग-उल्लास से अभिभूत होकर,
हम सपनों का जहाँ सजाते हैं।
परम सत्य से परिचित होते हुए भी,
हर वर्ष जन्मदिन मनाते हैं॥

परिचय–गोपाल मोहन मिश्र की जन्म तारीख २८ जुलाई १९५५ व जन्म स्थान मुजफ्फरपुर (बिहार)है। वर्तमान में आप लहेरिया सराय (दरभंगा,बिहार)में निवासरत हैं,जबकि स्थाई पता-ग्राम सोती सलेमपुर(जिला समस्तीपुर-बिहार)है। हिंदी,मैथिली तथा अंग्रेजी भाषा का ज्ञान रखने वाले बिहारवासी श्री मिश्र की पूर्ण शिक्षा स्नातकोत्तर है। कार्यक्षेत्र में सेवानिवृत्त(बैंक प्रबंधक)हैं। आपकी लेखन विधा-कहानी, लघुकथा,लेख एवं कविता है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी भावनाएँ व्यक्त करने वाले श्री मिश्र की लेखनी का उद्देश्य-साहित्य सेवा है। इनके लिए पसंदीदा हिन्दी लेखक- फणीश्वरनाथ ‘रेणु’,रामधारी सिंह ‘दिनकर’, गोपाल दास ‘नीरज’, हरिवंश राय बच्चन एवं प्रेरणापुंज-फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शानदार नेतृत्व में बहुमुखी विकास और दुनियाभर में पहचान बना रहा है I हिंदी,हिंदू,हिंदुस्तान की प्रबल धारा बह रही हैI”