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सनातनी इच्छा शक्ति जागृत करें तो भारत हिन्दू राष्ट्र अवश्य बनेगा

काव्य गोष्ठी…

सोनीपत (हरियाणा)।

सामाजिक सद्भाव, सुरक्षित और खुशहाल देश के लिए हिंदू राष्ट्र की आवश्यकता है। सनातनी इच्छा शक्ति जागृत करें तो भारत हिन्दू राष्ट्र अवश्य बनेगा।
यह बात अध्यक्षीय उद्बोधन में पं. अवधेश प्रसाद मिश्र ‘मधुप’ ने कही। अवसर रहा सद साहित्य हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार द्वारा आयोजित २२२वीं काव्य गोष्ठी का, जो हिन्दू राष्ट्र के समावेशी विचार से ओत-प्रोत रही। संस्था की संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि आशुकवि भास्कर सिंह माणिक के मंच संचालन में कार्यक्रम का शुभारंभ बहुमुखी साहित्यकार विजय रघुनाथराव डांगे (नागपुर) द्वारा संगीतमय गुरु वंदना, गणेश वंदना, सरस्वती वंदना के साथ हुआ। साहित्य मनीषी अवधेश प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता एवं नई दिल्ली के ज्योतिषाचार्य योगेश गहतोड़ी यश के मुख्यातिथ्य में कार्यक्रम ५ घंटे तक चला। देशभर से जुड़े विद्वान सृजनकारों के इस आयोजन में समग्र चिंतन के माध्यम से प्रकृति संरक्षण, स्वरोजगार, जाति भेद रहित समाज, स्त्री सम्मान, परहित, अहिंसा, करुणा, समान अवसर और विचार आधारित जीवन परंपराओं के विज्ञान सम्मत कारणों पर चर्चा और काव्य रचनाओं से वातावरण सुवासित हुआ। आनंदी नौटियाल ने सवैया छंद में ‘धरती यह त्याग तपोबल की’ रचना, डॉ. सुधांशु मिश्र ने राष्ट्र भक्ति को समर्पित ‘मेरा भारत देश महान है’ गीत, डॉ. श्याम बिहारी मिश्र ने ‘अपना देश’ और डॉ. अंजू सेमवाल ने उत्तराखंड रजत जयंती विशेष गीत ‘उत्तराखंड पावन भूमि’ से माहौल आनंदित किया। सविता बांगड़ सुर, विजय डांगे, योगेश गहतोड़ी यश के अलावा ज्योति प्यासी, दिनेश कुमार दुबे, संपत्ति चौरे स्वाति, भगवानदास शर्मा प्रशांत, किरण अग्रवाल, सुनील कुमार खुराना, रमेश चंद्रा गौतम, दीदी राधाश्री शर्मा, पवनेश मिश्र आदि ने भी काव्य पाठ किया।
मुख्य अतिथि श्री गहतोड़ी ने सहभागी साहित्यकारों की रचनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा देश जब तक हिंदू बहुल है, तभी तक सुरक्षित है।

आभार मानते हुए कल्पकथा संस्थापक राधाश्री शर्मा ने आयोजन की सफलता पर संतोष प्रकट किया।