कुछ-कुछ सोचता रहता हूँ
डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** जमाने पर क्या कहूं,ऐतबार नहीं होता हैफरियाद लेकर कहां जाऊं!उम्मीद नहीं दिखती हैमुश्किल वक्त पर क्या करूं ?मददगार नहीं मिलता हैखुशियाँ लेकर कहां जाऊं ?दोस्तों का साथ नहीं मिलता…