अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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बड़े-बुजुर्ग
इनसे मजबूती
घर की नींव।
है दहलीज
करो सदा सम्मान
सीखो सलीका।
वो अनुभवी
लेना सदा सलाह
देखी जिंदगी।
रिश्ता अमूल्य
हमसे प्यार बड़ा
समझो मूल्य।
है विरासत
सुख-दु:ख में साथ
बड़ी ताकत।
इनसे खुशी
संग जो हो आशीष
बढ़ती खुशी।
आती समृद्धि
निरंतर प्रगति
समझो इसे।
करना फिक्र
अलग न हो कभी
हम से जिक्र।
हैं ये नींव
जिम्मेदारी सबकी
हम हैं जीव।
संग रहना
इनसे ही संस्कृति
मानो कहना।
नहीं ये बोझ
ये साक्षात् ईश्वर
बदलो सोंच॥