पाश्चात्य संस्कृति और हम
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** भटक रही है युवा पीढ़ी,नित-नित नए ख्वाब लिएमंजिल का कहीं पता नहीं,यूँ ही जीवन बर्बाद किए। पाश्चात्य संस्कृति का रंग,कूट-कूट कर भर गया हैअर्थहीन आज का युवा,बीच…