क्या जरूरत ?

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** हिन्दी की बिन्दी…. क्या जरूरत आन पड़ी‘हिंदी दिवस’ मनाने की,माता को भी भूलता है कोईक्या जरूरत याद दिलाने की। बोल में हिंदी, चाल में हिंदीहिंदी में ही स्नेह जताते हैं,दैनिक नित्यकर्म भीभला कोई बिसराते हैं। रुदन हिंदी क्रन्दन हिंदीहिंदी में ही प्रसन्नता जताते हैं,हम शुद्ध हिंदीभाषीहिंदी में प्रेम जताते हैं। क्यों … Read more

पूनम की रात

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीमनेन्द्रगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************************* वो भी क्या रात थी,कुछ तो हसीन बात थीआसमां पर पूर्णिमा का चाँद,गाड़ी का सफर बन गया रोमांच। वो बीहड़ जंगल का घुप्प अंधेरा,घने पेड़ों से घिरा हुआ सन्नाटागाड़ी की हेडलाईट उस राह को चीरती,या फिर दूधिया चाँदनी में नहाकर बढ़ता। कौन किससे अठखेलियाँ कर रहा था,कभी चाँद आगे बढ़ राह … Read more

जन-संवेदना का प्रतिनिधित्व करती एकमात्र भाषा हिंदी

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* हिन्दी की बिन्दी… हमारे राष्ट्र व जन-संवेदना का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र भाषा है हिंदी। देश के २९ राज्यों व ८ केंद्रशासित जनसमुदाय की भाषा और बोली है। भाषा सदैव अपने समकालीन जन-जीवन में उत्पन्न होने वाले विचारों को प्रेषित करती है, और नए-नए रूपों को अपनाते हुए विकसित होती है। … Read more

भाषा न्यारी-सी…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* हिंदी की बिन्दी… भाषा न्यारी-सी, भारत की हिंदी।सजती दुल्हन-सी, हिंदी की बिन्दी॥ दुनिया में हिंदी का, सम्मान सजता है,इसकी मिठास का, जग गान करता है।हर अक्षर से इसके, गीतों की धुन सजती,जब बिखरे वादी में, मन मुग्ध रहता है। शब्दों-वाक्यों की, है पुस्तक हिंदी,सजती दुल्हन-सी, हिंदी की बिन्दी।भाषा न्यारी-सी…॥ … Read more

संकल्प और दल रोक सकते हैं बदजुबानी

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया है कि कोई मंत्री यदि आपत्तिजनक बयान दे दे, तो क्या उसके लिए उसकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है ? यह मुद्दा इसलिए उठा था कि आजम खान नामक उ.प्र. के मंत्री ने बलात्कार के मामले में काफी आपत्तिजनक बयान दे … Read more

जन-जन की आशा

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* हिन्दी की बिन्दी… हिंदी भाषा हिंद की, आन बान अरु शान।संस्कृत इसकी मात है, लिपी नागरी जान॥लिपी नागरी जान, गर्व हम इस पर करते।इसमें नाना छंद, काव्य कविजन हैं रचते॥नवरस से परिपूर्ण, भाल की ये है बिंदी।मीठे इसके बोल, सभी अपनाएं हिंदी॥ भाषा ये अनमोल है, देती है संस्कार।उर्दू अरबी फारसी, … Read more

हर संकट में साथ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** जय श्री कृष्ण (भाग-२)… मधुर बजाते बाँसुरी, मधुबन में श्री श्याम।गैया-बछड़े साथ में, गोपी गोप तमाम॥ मोर पंख सिर पर मुकुट, लिए बाँसुरी हाथ।मंद-मंद मुख पर हँसी, श्यामल दीनानाथ॥ गीता के उपदेश से, जीवन का उद्धार।भवसागर से कृष्ण ही, करते नैया पार॥ अंतर्मन में वास हो, हे प्रभु दीनानाथ।तेरे चरणों … Read more

हिंदी भाषा में उन्नति के असीम अवसर

इंदौर (मप्र)। भाषा में असीम संभावनाएँ होती हैं। हिंदी भाषा में उन्नति के असीम अवसर हैं। धीरे-धीरे चलोगे तो सफलता जरूर मिलेगी।माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा ‘विश्व हिंदी दिवस’ के आयोजन में यह बात हिंदी अध्ययन मंडल (देअविवि) की अध्यक्ष डॉ. वंदना चराटे ने मुख्य वक्ता के रूप में कही। … Read more

युग पुरूष लाल

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** लाल बहादुर शास्त्री पुण्यतिथि विशेष… बड़े निरालेयुग-पुरूष ‘लाल’-थे रखवाले। फिक्र देश कीस्वच्छ राजनीति-इच्छा भले की। उपाधि ‘शास्त्री’था संघर्ष जीवन-प्रधानमंत्री। राष्ट्रहित मेंथा लक्ष्य जनसेवा-नहीं अहित। आँख के तारेथे छोटे ‘बहादुर’-बने हमारे। जय जवानगुणी-कुशल नेता-जय किसान। लाल था बड़ाहुआ पाक हमला-जवाब कड़ा। स्नेह किसानसंकल्प नौजवान-देश महान। नेतृत्व धनीसीख अमेरिका को-पारसमणि। दिया सबूतदुनिया को मिसाल-देश … Read more

कल्पना की किश्ती

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** कागज की किश्तीमें सफर को निकले,नौका-विहार कीमौज-मस्ती को,रिझाने मनोमन दिशाकी ओर सूखी नदी,के इस पार-उस पारदो अंतहीन किनारों,के बीच अपनीसांत्वना की परिधि को,संभाले दुधयारी चाँदनीसंग चांद-सितारों से,बातें करते हुए…। मनोकुल प्रकृति केपर्यावरण में शीतल बहती,हवाओं के झोंकोंसंग विस्तृत गगन के,उड़ते परिंदों केपंखों में उमंग उद्मांदित,कल्पनाओं के अविरलकवि की कविता में,रसविभोर हो रसवंतनीपयोधनी … Read more