सोने की चिड़िया

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हम भारत के वासी हैं, जिसे सब हिन्दुस्तान कहते हैं,भारत है 'सोने की चिड़िया', देखकर अन्य देश जलते हैं। आओ मिल के करें प्रतिज्ञा, सोने की…

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नई पीढ़ी के संस्कार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** मातु-पिता परिवार दें सदा,शिक्षण बाल अबोध समझ लोसंस्कार जीवन विनयी हो,मिटे सकल अवरोध, समझ लो। मातु पिता गुरु चरण भजो नित,जो जीवन आधार समझ…

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२ पुस्तक विमोचित

सिडनी। विश्वरंग व्यवस्थापक-आयोजक समिति भोपाल से आए कवि-विचारक बलराम गुमाश्ता की अध्यक्षता में भारत आस्ट्रेलिया साहित्य सेतु के संचालक अनिल कुमार शर्मा की पहल व प्रयास एवं सिडनी के गीतकार…

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भेद लक्ष्य

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** कर संघर्ष,भेद लक्ष्य संसार-मिलेगा अर्श। डरना भूल,नाव उठा हौंसला-बना उसूल। रखना ध्यान,सफल जब श्रम-मिलेगा मान। टाल अभाव,उम्मीद राह नई-निभाना भाव। बढ़ना आगे,बढ़ चिमनी विश्व-मुश्किल भागे। ख्वाब मंजिल,फिक्र…

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शिशिर की शरारत

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** पालो की चादर ले, कोहरे ओट से,झाँकती थरथराती आयी शिशिर। सिहराती कंपकपाती सहलाती है,हिम छू आती समीर मदिर-मदिर। बोध को भेदती चेतना को छेड़ती,सविता की ताप हुई…

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भरोसा क्या करूँ

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* जैसे हो इन्कार तक पहचान से।देखते हैं इस तरह अन्जान से। कैस से आबाद थे जो कल तलक,दिख रहे हैं दश्त वो वीरान से।…

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गीतकार ज्ञानचंद मर्मज्ञ को मिला ‘डॉ. कुंअर बेचैन साहित्य अमृत सम्मान’

बेंगलुरु (कर्नाटक)। वैश्विक साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय सर्व भाषा संस्कृति समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश नीरव द्वारा वरिष्ठ गीतकार ज्ञानचंद मर्मज्ञ को गांधी नगर (गुजरात) में संस्था के…

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विकास में साहित्य और कला की भूमिका अहम

सम्मान... इंदौर (मप्र)। समाज में शांति और सद्भाव कायम रखने में कला और साहित्य की भूमिका महत्वपूर्ण है। कलाकार और साहित्यकार को प्रोत्साहन देने से उन्हें ऊर्जा मिलती है। उन्हें…

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नववर्षाभिनन्दन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नई हवा है, नया वतन है।नये वर्ष का, अभिनंदन है॥ नया-नया सा, अब मौसम है,दूर हो गया, अब हर ग़म है।जीवन अब तो, क्या आलम है,हर…

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बचपन बेचारा

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** बुरे हालातों का मारा,आज का बचपन बेचाराइन्टरनेट और मोबाइल ने,जकड़ लिया जीवन सारा। अच्छे-बुरे की सोच नहीं,जिम्मेदारी का बोझ नहींकैसा होगा इनका भविष्य,सोच-सोच कर मैं तो हारा।…

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