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विकास में साहित्य और कला की भूमिका अहम

सम्मान…

इंदौर (मप्र)।

समाज में शांति और सद्भाव कायम रखने में कला और साहित्य की भूमिका महत्वपूर्ण है। कलाकार और साहित्यकार को प्रोत्साहन देने से उन्हें ऊर्जा मिलती है। उन्हें पुरस्कार देना उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना है।
यह बात सांसद शंकर लालवानी ने श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी (भोपाल) द्वारा पुरस्कृत ७ रचनाकारों को सम्मानित करने के दौरान कही। अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा कि आज पारदर्शिता के साथ में गोपनीयता को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। कोराना काल के पहले से पुरस्कार चयन हेतु लंबित रचनाओं का चुनाव करना आसान नहीं रहा। उसमें साहित्य समीक्षकों ने महती भूमिका का निर्वाह किया। समिति के सभापति सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि साहित्यकार दीपक के समान है जो अपनी रचना से समाज में विवेक जाग्रत करता है। अतिथियों ने प्रो. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी, अरविंद जवलेकर और ज्योति जैन आदि को सम्मानित किया। समिति के पुस्तकालय मंत्री हरेराम वाजपेयी ने स्वागत उदबोधन दिया। प्रचार मंत्री अरविंद ओझा ने स्वागत किया। संचालन डॉ. पुष्पेंद्र दुबे ने किया। त्रिपुरारी लाल शर्मा ने आभार माना।

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