पीते रोज जहर का प्याला
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************ सुन्दर तन-मन,बुद्धि मिली थी,पर हमने यह क्या कर डाला।दुर्व्यसनों की लत में पड़कर,पीते रोज जहर का प्याला॥ तन भी जर्जर,मन भी दूषित,भाव सभी कुंठित हो जाते।चीत्कार कर…