शहीदों को नमन
डॉ. जमील अहमद 'शाद'मेरठ(उत्तरप्रदेश)*********************************** सौ-सौ मस्तक झुके हैं नमन के लिए।मिट गये हैं जो अपने वतन के लिए।ऐसे वीरों को हम भूल सकते नहीं,रक्त सींचा जिन्होंने चमन के लिए॥ अपनी…
डॉ. जमील अहमद 'शाद'मेरठ(उत्तरप्रदेश)*********************************** सौ-सौ मस्तक झुके हैं नमन के लिए।मिट गये हैं जो अपने वतन के लिए।ऐसे वीरों को हम भूल सकते नहीं,रक्त सींचा जिन्होंने चमन के लिए॥ अपनी…
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************** चलो चलो दवाई आ गई,जीवन की दुहाई आ गई।फ़िर से लाइन में खड़े होंगें,आधार की परछाई आ गई। अब राजनीति भी गहराई,धर्म की होगी ख़ूब लड़ाई।अक्ल कब आएगी…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से.... कहो तो जिन्दगी अपनी,तुम्हारे नाम लिख दूँ मैं।जमाने की सभी खुशियाँ,तुम्हारे नाम लिख दूँ मैं। चले आओ हमारे पास…
अंशु प्रजापतिपौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड)************************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से... मेरी नज़र ठहर जाती है,जब अक्स तुम्हारा आता है।दिल की धड़कन रुक जाती है,जब ज़िक्र तेरा आ जाता है। थम जाऊं…
अमृता सिंहइंदौर (मध्यप्रदेश)************************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से..... मन मेरा…जैसे सूर्य की तपिश।स्पर्श तेरा…जैसे बरखा की नमी। गुफ़्तगू तेरी-मेरी,मिट्टी की जैसे सौंधी खुशबू।तेरा होना मुझसे रूबरू…अकल्पनीय अदभुत…जुगनू। कैसे सँभालूँ…
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... पावस में मन मेरा कहता,पाऊँ तेरा प्यार।तरस रहें हैं नयना मेरे,देखो यह श्रृंगार॥ पावस मेरा हृदय जलाती,आओ प्रियवर साथ।हृदय भाव…
अंजु चौधरी 'अनु'करनाल (हरियाणा) ****************************************** ऐ इश्क कहीं ले चल हमें,जहाँ कल्पनाओं का संसार होजहाँ इक नूर की वादी हो,इक ख्याब की दुनिया काबसेरा हो,जहाँ उम्र का न कहर हो।ऐ…
अर्चना पाठक निरंतरअम्बिकापुर(छत्तीसगढ़)*********************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... सड़कों,बागों और घाटियों में,उदास पत्ते झड़ने लगे,मैं अकेली मन अजीब,उदास मौसम बदलने लगे।बेचैन बाँसुरी की मुखर अभिव्यक्ति अमूर्त बिम्ब उकेरते,मन के निर्मल…
अनुराधा पाण्डेयनई दिल्ली***************************** काव्य संग्रह हम और तुम से..... नैन भर बस बोलते थे,पावनी थी प्रीत कितनी ?मौन हम भी,मौन तुम भी॥ एक-दूजे को बसाए,नित रहे द्वय धड़कनों में।कल कहेंगे,कल…
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ आया है नववर्ष यह,लेकर खुशी हजार।कोरोना आतंक से,हो जाएंगे पार॥ बन आई वैक्सीन अब,सफल परीक्षण आज।टीके लगवा कर सुखी,होंगे अब सब काज॥ नए वर्ष की ये…