करो अंधकार को दूर
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष..... दीप जलाओ तुम सब,करो अंधकार को दूर।रोशनी कर लो मन में,इस दीपाली परl घर का कचरा साफ करो,मन को करो तुम शुध्द।जग-मग कर…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष..... दीप जलाओ तुम सब,करो अंधकार को दूर।रोशनी कर लो मन में,इस दीपाली परl घर का कचरा साफ करो,मन को करो तुम शुध्द।जग-मग कर…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************* बुद्धिजीवी मेडिकल एसोसिएशन की मान्यता है कि,पूरे विश्व के साथ भारत में आधुनिक चिकित्सा का वर्चस्व रहे और होना भी चाहिए। कारण एलॉपथी सरकार की दत्तक पुत्र होने…
डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ दुनिया मतलब की हुई,रहा नहीं संकोच,हो कैसे बस फायदा-यही लगी है सोच। मतलब हो तो प्यार से,पूछ रहे वो हाल,लेकिन बातें काम की-झट से जाते टाल। रिश्तों…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** (रचनाशिल्प:तर्ज-चलो रे डोली उठाओ कहार) लाड़ों से हमने पाला है तुम्हें,फूलों की तरह संभाला तुम्हेंतुम पर अब अपना तो जोर नहीं है,वो है ससुराल कोई और…
शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* चमन के फूल-सा खिलता गुलाब लगती हो,जान तुम मेरी महकती शबाब लगती हो। देखकर ही जिसे ये साँसें जाती है थम,किसी शायर को दिया तुम खिताब…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************************** माँ मैं तुम्हें प्यार करती थी करती रहूंगी,तेरे दिल के अन्दर माँ मैं छुपकर रहूंगी। तुझे भूल जाना हे माँ मुनासिब नहीं है,तुम हो मेरी जन्मदाता…
इदरीस खत्रीइंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************************** निर्देशक राघव लारेंस की इस फिल्म 'लक्ष्मी' में अदाकार अक्षय कुमार,कियारा,शरद कपूर,अश्विनी कसलेकर,मुस्कान,आयशा रज़ा,राजेश शर्मा और मनु ऋषि हैं। संगीत तनिष्क बागची,अनूप कुमार, अमर मोहिले और साक्षी खुशी…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ लोग उन्हें भले कहें गँवार,पर वही मनाते हैं त्यौहार।सावन के जब लगते मेले,आप तो घर में पड़े अकेले।वो परिवार के संग हैं जाते,हँसते-हँसाते मौज मनाते।सेंव…
उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) ****************************************** जीवन पथ पर आगे बढ़ना,मंजिल उँची हरदम चढ़नानई तकनीकी अपनी गढ़ना,अंगारों पर हँसकर चढ़नालाचारों के आँसू पढ़ना,यही हमारा काम है।मत पूछो कोई नाम हमारा-राही मेरा नाम है॥…
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* सोच रही हूँ एक दिन में भी,इस दुनिया से जब जाऊंगीपास रखी में सभी कमाई,वृद्धाश्रम दे,तब जाऊंगी। अपनों को भी किया बहुत है,और अभी…