पीड़ित बच्चों के दर्द को समझें
ललित गर्ग दिल्ली*********************************** 'आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस' (४जून) विशेष... बच्चों को देश एवं दुनिया के भविष्य की तरह देखा जाता है, लेकिन उनका यह बचपन रूपी…
ललित गर्ग दिल्ली*********************************** 'आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस' (४जून) विशेष... बच्चों को देश एवं दुनिया के भविष्य की तरह देखा जाता है, लेकिन उनका यह बचपन रूपी…
दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* चाहे खुशियाँ हों या ग़म,सदा रहेंगे हम संग-संगछोड़ कर मुझे जाना नहीं,तुम बिन न रह पाएंगे हम।बस इतना तुम जान लो,तुम बिन अधूरे हैं हम सनम…॥ चाहे…
लोकार्पण... इंदौर (मप्र)। लेखिका का सृजन अपील करती सुंदर लघुकथाएं हैं। यह स्वतः सकारात्मक और मार्मिक लेखन है, जो डियो और परफ्यूम छिड़ककर बनावटी नहीं बनाया गया है। लघुकथाएं मानव…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ दृष्टि कब बदलोगे ?जमाना भी बदल गयाझूठों के सामने क्या देखते हो ?सच के दर्पण में भविष्य है। चारों ओर अंधियारा छाया,लोभ-मोह-लालच में इंसान घिराउसे…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* समय के साथ,सब-कुछ बदल जाता हैरूप, रंग, तन, मन, धन। क्या स्वभाव बदल जाता है!हाव-भाव बदल सकता हैबात और लहजा बदल जाता है। शायद यही हकीकत…
जबलपुर (मप्र)। हिंदी साहित्य में निरंतर योगदान देने वाले एटा (उप्र) निवासी डॉ. ओम ऋषि भारद्वाज को जबलपुर स्थित साहित्यिक संस्था सशक्त हस्ताक्षर और लोक संचेतना फाउंडेशन द्वारा 'हिंदी रत्न…
प्रयागराज (उप्र)। 'द फ्रैंडशिप फोरम ने' २०२५ में साहित्यकार विजयलक्ष्मी विभा को २ सम्मान दिए हैं। निम्बार्क आश्रम में भारतीय सांस्कृतिक परिषद (प्रयागराज) द्वारा सांस्कृतिक उत्सव पुरुष स्व.पं. फूलचंद दुबे…
हैदराबाद (तेलंगाना) | दक्षिण भारत के शिक्षकों के पास हिंदी का पूरा ज्ञान नहीं होता, इसलिए उन्हें छात्रों को पढ़ाने में कठिनाई होती है। जो यहाँ से सीखकर जाएँगे, उससे…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** खुद स्वीकारी पाकिस्तान ने बातें यह,प्रायोजित आतंकवाद का अपना सहभारत हमले में गया आतंकी किला ढह,'आपरेशन सिंदूर' से हिंदुस्तान ने की फतेह। अब होगा सिंधु…
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** रफ्ता-रफ्ता ज़िंदगी की राह पर चलता रहा,हर कदम पर मेरा अपना ही मुझे छलता रहा। किससे करने जाएँ शिकायत, कौन सुनेगा मेरी ?जब मेरे अपनों ने, इज्जत…