बेटा-बेटी एक समान

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* मेरा बेटा मेरी शान,बेटी है मेरा अभिमानमाता-पिता को दोनों प्यारे,बेटा-बेटी एक समान। बेटा होता है कुलदीपक,बेटी है लक्ष्मी की मूरतमाता-पिता की आँख के तारे,बेटा-बेटी एक समान। बेटा है सपनों की आस,बेटी से मन में विश्वासदोनों होते घर की रौनक,बेटा-बेटी एक समान। बेटा ठिठुरन में हल्की धूप,बेटी जीवन का मधुर संगीत।मातृत्व का सुख … Read more

लघुकथाकारों को दोषों से बचना चाहिए, और भरपूर अध्ययन आवश्यक

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पटना (बिहार)। आज की लघुकथा व कहानियों की गोष्ठी सार्थक रही। कहानियाँ पहले वाचिक परंपरा में थीं। प्राचीन काल से हम कहानियाँ सुनते आए हैं। बीच में लिखित परम्परा का दौर आया। अब पुनः लिखित के साथ वाचिक का युग लौट आया है। कहानियाँ लिखी भी जा रही हैं और पढ़ी-सुनी भी जा रही हैं। … Read more

तुम मात्र अनुगामिनी

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ कह तो दिया जाता है मुझसे,अक्सर…सब कुछ तुम्हारा ही तो है,घर-द्वार, खेत-खलिहानबाग-बगीचे, जमीन-जायदाद,पर…अंकित कहीं नहीं होता है,किसी भी दस्तावेज़ परमेरा हकीकी नाम…नहीं रख सकती मैं अपनी मर्जी से,बाग-बगीचे और खेतों की मेड़ों परखनकती पायलों से स्वछंद कदम…नहीं मांग सकती मैं अपनी मर्जी से,चंद रुपए-पैसे और खर्च के हिसाबरसोई के किसी … Read more

भाषा के विद्यार्थियों ने साहित्य सम्मेलन में पूर्ण किया प्रशिक्षण

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पटना (बिहार)। मीठापुर के साहित्य के छात्र-छात्राओं ने बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में अपना विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया। हिन्दी, संस्कृत, पाली और मैथिली भाषाओं के इन विद्यार्थियों ने सम्मेलन के पुस्तकालय में पुस्तकालय विज्ञान का ज्ञानार्जन किया और सीखा कि किस प्रकार पुस्तकों का रख-रखाव करना चाहिए। विद्यार्थियों ने साहित्यिक आयोजनों में भी भागीदारी … Read more

कैरव’ आदर्श राजनेता ही नहीं, अपितु स्तुत्य साहित्यकार भी

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पटना (बिहार)। १९४२ के अग्र पांक्तेय नायकों में से एक पं. बुद्धिनाथ झा ‘कैरव’ केवल एक बलिदानी स्वतंत्रता सेनानी और आदर्श राजनेता ही नहीं, अपितु स्तुत्य साहित्यकार भी थे। वे १९५७ तक विधानसभा के सदस्य रहे, किंतु पटना या देवघर में एक घर तक नहीं बना सके। राजनीति उनके लिए सत्ता-सुख की नहीं, सेवा और … Read more

राम नाम में वसंत

कुमारी ऋतंभरामुजफ्फरपुर (बिहार)************************************************ राम धाम के वैभव बसंती सतरंगी वैभव को नमन,है नमन उन सद्गुरु के शिल्पी बंधन को शत-शत नमनरामधाम में प्रकृति वासंती बरसते पुलकित प्रकृति लगने लगी,हर मन में राम नाम की चेतना नहीं उमंगे हुलसने लगी,आज हर प्राण में लहर उठा हैराम धाम के हर सद्गुरु राम भक्तों को शत-शत वंदन,फिर आया … Read more

विद्या धन सर्वहितकारी

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************** ‘विद्या धन’ सबधन सुखकारी,‘विद्या धन’ सर्वजन प्रियकारी‘विद्या धन’ सर्वलोक हितकारी,‘विद्या धन’ सर्वोचित मन हारी। ‘विद्या धन’ देश-विदेश दिखाए,‘विद्या धन’ हर एक प्रतिष्ठा दिलाए‘विद्या धन’ को कभी चोर न चुराए,‘विद्या धन’ संकीर्णता को दूर भगाए। ‘विद्या धन’ तीसरा नेत्र हमारा,जन-जन को जो लगता प्यारा‘विद्या धन’ सत्य पथ पर चलाता,विचलित मन को … Read more

सुख-दु:ख कर्म सिद्धांत

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** किसी के कारण सुख न पाते जग में तुम।किसी के कारण दुःख न पाते जग में तुम॥तुमको तुम्हारे कर्मों का ही फल मिलता,भोग के उनको मूल्य चुकाते जग में तुम॥ तुमको मानव देह मिली, है छूट तुम्हें,करो पाप या पुण्य इकट्ठा कर जाओ।रटो-जपो जी भर के नाम प्रभु जी … Read more

भारत का संविधान है शान

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* संविधान, संविधान, संविधान,क्या है ये यह भारत का संविधानजिसकी रट लगाये राजा से रंक,प्रजा से प्रधान कह रहे हैं एक ही विधान। ‘संविधान’ है देश की, सबसे ऊँची शान,देश को कैसे चलाया जाए उसकी जानएक किताब में लिख रख है देश का गुमान,इसमें सबका हक़ लिखा, इसमें सबका मान। हज़ारों भाषाएं … Read more

अहिंसाग्राम

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** “दादी, आज कौन-सी कहानी या किस्सा सुना रही हो ?” पोते ने कहा।” आपके पास तो सूचनाओं का भण्डार होता है।”“हाँ, आज तुझे सुना रही हूँ एक बड़ी अच्छी खबर। एक है अहिंसाग्राम।”दादी की बात पूरी भी नहीं हुई थी, कि पोते ने बीच में टोका- “अहिंसा नाम तो सुना था। कोई … Read more