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भारत माता की पुकार

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी
कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)

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ऐ मेरे बच्चों जरा मिल-जुल के रहना सीख लो,
भाई-भाई हो सभी, तुम प्यार करना सीख लो।

तेरी इस माँ भारती को रौंदने आ जायेगा,
बैर आपस में रखोगे तीसरा धमकायेगा।
हो जरा मतभेद तो आपस में कहना सीख लो-
भाई-भाई हो सभी,तुम प्यार करना सीख लो।

आग के दरिया में कैसे गुल खिलेगा सोचना,
बेवजह लड़ते रहोगे क्या मिलेगा सोचना।
छोटी-मोटी बात को ऐ लाल सहना सीख लो-
भाई-भाई हो सभी,तुम प्यार करना सीख लो।

तुम जो लड़ते हो बहुत ही कष्ट होता है मुझे,
विश्व के सरताज़ हो फिर कौन समझाए तुझे।
मैं तेरी माँ भारती हूँ लाज रखना सीख लो-
भाई भाई हो सभी तुम प्यार करना सीख लो॥

परिचय-वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। इनकी जन्म तारीख २० अप्रैल १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)है। वर्तमान में भी कुशीनगर में ही हैं,और स्थाई पता यही है। स्नातक तक शिक्षित श्री कुशवाहा क़ा कार्यक्षेत्र-शिक्षण(शिक्षक)है। आप सामाजिक गतिविधि में कवि सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक बुराईयों पर प्रहार करते हैं। आपकी लेखन विधा-काव्य सहित सभी विधाएं है। किताब-‘सब रोटी का खेल’ आ चुकी है। साथ ही विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आपको गीतिका श्री (सुलतानपुर),साहित्य रत्न(कुशीनगर) शिल्प शिरोमणी सम्मान(गाजीपुर)प्राप्त हुआ है। विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी से काव्यपाठ करना है। आकाश महेशपुरी की लेखनी का उद्देश्य-रुचि है।

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