पिता-ईश्वर का फरिश्ता
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** खून का रिश्ता है,मेरे पितामेरे लिए,ईश्वर का फरिश्ता है। दुःख हो,सुख होसदा प्रेम रिसता है,पिता है तोसब-कुछ है,वर्ना तो नीरसता है। टिकता नहीं,दुश्मन कोईजब वो गरजता है।उन्हीं…