होली

हरिशंकर पाटीदार ‘रंगीला’ देवास(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** बसन्त बहार आयी रंगों की फुहार छायी होली का त्यौहार आज मिल के मनाएंगे। मन में उमंग भर हर हाथ रंग धर अपनों के संग-संग…

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देख नज़ारा होली का

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* पहले ही थे गाल गुलाबी, रंग चढ़ गया होली का। साजन ने मारी पिचकारी, निखर गया रंग चोली का। यौवन पर हुआ देहरी के,…

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मेरी अभिलाषा

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** माँ अगर मैं पक्षी होती दुनियाभर की सैर कराती, अच्छे-अच्छे फल तोड़ लाती खूब मजे से तुम्हें खिलाती। शोर गुल नहीं मिलता मुझको ऊपर से उड़…

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आयी होली

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* रंग-रँगीली, आयी होली चुन्नू आओ, आओ मुन्नीl भर-भर लाओ तुम पिचकारी, रंगों की बौछार से कर दो पीली धरती नीला अम्बरl तुम हो गिनी कितनी…

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होली में

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  ************************************************** कोई भी बुरा काम ना हो,बस प्यार ही प्यार हो होली में, नजर नजरिया बदलकर रखना अपनत्व हो बोली में। शुभ आगमन हो…

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नैनों में ‘नीर’…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ नैनों में 'नीर', कौन समझता है मन की पीर। वक्त की मार, हर पल बहती अश्रु की धार। घाव गंभीर, बेदर्द है ज़माना…

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होली है

शम्भूप्रसाद भट्ट `स्नेहिल’ पौड़ी(उत्तराखंड) ************************************************************** फाल्गुन प्यारा आया रे,कि खेलते होली हैं बृज की, क्योंकि बसंत बहार है। बृज की जो होली कृष्ण ने खेली, रास रची लीला सभी गोपी…

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मैं हूँ नारी भारत की

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** मैं हूँ नारी भारत की,मैं नित-नित पूजी जाती हूँ, मैं संस्कार की सूचक हूँ मैं,पुण्य धरा की थाती हूँ। नेह-स्नेह की प्रीत प्यार की,ये अपनी…

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भारत का वीर जवान हूँ मैं

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** भारत का वीर जवान हूँ मैं, ना हिंदू ना मुसलमान हूँ मैंl भारतमाता के चरणों की, धूल में पला इंसान हूँ मैंl भारत का वीर…

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कैसे खेलूं फाग

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ फाग आया,मचले मन उमंग, तन में सागर उमड़े,धड़कन हुई तरंग कैसे खेलूं फाग,जब तुम नहीं हो संग...l सपनों में सजते,अरमानों के रंग, कर लूं…

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