लक्ष्य बनाकर चल

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** साहस-उत्साह-हिम्मत.... ये वक्त भी गुजर जाएगा,तू लक्ष्य बनाकर बढ़ता चलमुसीबतें तो आती रहेगी,तू बेझिझक इनसे लड़ता चल। मेहनत करने वाले अक्सर,मंजिल को पाया करते हैंफल की चिंता…

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हिम्मत से वो काम लेता

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** साहस-उत्साह-हिम्मत..... हैं मज़बूत इरादे जिनके,कभी ना माने हारचट्टानों में पैदा कर देवो पानी की धार,हैं मज़बूत…। दुश्मनों कागुरुर तोड़ दे,तूफानों कारूख़ मोड़ दे,करे वो सबसे प्यार।हैं मज़बूत……

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एहसास

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* तेजप्रतापी अयोध्या के राजा श्री दशरथ जी की मैं भार्या,मैं महारानी कैकेयी श्री दशरथ जी की सबसे प्यारी हूँ भार्या। समय की चक्रगति में पड़ कर,…

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आत्ममुग्ध

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** आत्ममुग्ध हो निकल पड़ा हूँ,फिर से अपनी मंजिल ओरचारों दिशाओं ने पट खोले हैं,खुशियाँ महक रही चहुंओर। सीमित उर में ख्वाब असीम,मन चंचल चित चोर हुआ हैमंत्रमुग्ध…

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किया जगत में नाम

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* पावन कार्तिक मास में, नानक प्रगटे धाम।सदा किए शुभ कर्म ही, किया जगत में नाम॥किया जगत में नाम, पूजता ये जग सारा।जन्मे भारत भूमि, यही सौभाग्य…

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विश्वकप अब तुम ला दो…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** लहरा-दो, लहरा-दो,दुनिया में तिरंगा लहरा-दो।ट्वेंटी-ट्वेंटी के विश्वकप को,अबकी बार तो घर ला दो॥ ऑस्ट्रेलिया की मैच पिचों पर,विश्वयुद्ध घमासान लड़ो।सेमी और फाइनल को जीतकर,विजय…

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मतवाले पंछी

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** यादों के मखमली पंख लगाकर,मतवाले पंछी आते हैं आँगन मेंखिल जाते हैं मुरझाए पल फिर,लौट आती है बहारें मेरे आँगन में। भोर के मोहक उजाले संग उतरे,आँगन में…

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द्वंद में मन

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचनाशिल्प २१२२ २१२२ २१२२ २... वह पथिक क्यों है व्यथित तर ओस से भीगा,यामिनी से कर रहा अठखेलियाँ धींगा।हो रहा उर्वर मृदा मन कुछ तो बोया है,अंकुरित…

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वसुधा पावनधाम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धरती आकर्षक बहुत, पाया माता नाम।जो सचमुच अभिराम है, वसुधा पावनधाम॥वसुधा पावनधाम, इसी ने सब कुछ जाया।वसुधा का ही काम, आदमी ने सब पाया॥देख सके नहिं…

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कर्मशीलता

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ नाम मिले या गुमनामी,मेरा तो धंधा चलता है।मैं हूँ ऐसी छड़ी कि जिसको,पकड़ के अंधा चलता है॥ क्या कहती है दुनिया सारी,मुझको कुछ परवाह नहींकौन नाम है जिसके…

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