रोशनी का पर्व…

एम.एल. नत्थानीरायपुर(छत्तीसगढ़)*************************************** रोशनी से जिंदगी... दीपोत्सव में प्रतिवर्ष,ये रोशनी पर्व होता हैसदियों की सनातनी,परम्परा में गर्व होता है। उजियारे के उत्सव में,ही लक्ष्मी आगमन हैशुद्ध अन्तःकरण पर,ये पवित्र आचमन है।…

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जय बजरंगबली

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** राम भक्त हनुमान की, महिमा अपरम्पार।बोलो रे भक्तों सभी, मिलकर जय जयकार॥ माता प्यारी अंजनी, पवन देव के लाल।अद्भुत बालक वीर है, जो दानव के…

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आई दिवाली

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** रोशनी से जिंदगी.... आई दिवाली आई,जगमगाती रोशनीचारों ओर है फैलाई,आई दिवाली आई। अंधेरा दूर करनेवाली,प्रकाशमयी है दिवालीहर्ष-उल्लास घर-घर में,ले के आई है दिवाली। खूब सारी मिठाई घर में,बनाई…

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रौशनी है तो जिंदगी है

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** रोशनी से जिंदगी.... जैसे जग है रौशन,सूर्य के प्रकाश सेऔर गगन है रौशन,चन्द्र के उजास से। रौशन होते हैं दिल,प्रेम-स्नेह-उल्लास सेरिश्ते होते हैं रौशन,एक दुजे पे…

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बिन पैसों के…

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** रोशनी से जिंदगी... कठिनाईयों में,सोचने की शक्तिआर्थिक कमी से बढ़ जाती,संपन्न हो तो सोच की।फुरसत हो जाती गुम,अपनी क्षमता अपनी सोचबिन पैसों के हो जाती बोनीपैसे हो…

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गम भरा घूँट

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हाय वृद्धावस्था तू कहाँ से आई, गम भरा घूँट पिलाया,छीन लेता है हँसी-खुशी तन मन, अन्त में बेड पकड़ाया। काश! ये पहेली जान पाती, बुढ़ापा रात-दिन…

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चाहत आपकी

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** उफ ये खामोशी शहादत आपकी,याद है शोखी शरारत आपकी। मौत से यारी ये चाहत आपकी,छोड़ ये कैसी शिकायत आपकी। इश्क की ऐसी इबादत आपकी,बन गयी उल्फ़त कयामत…

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‘माँ’ जीवन की हर खुशी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* माँ जीवन की हर खुशी, माँ जीवन का गीत।माँ है तो सब कुछ सुखद, माँ है तो संगीत॥ माँ है मीठी भावना, माँ पावन अहसास।माँ से…

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दोस्ती और रिश्ता

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कौन स्वेच्छा से अपनों से,कभी भी दूर होता है ?स्वयं हालात से अपने,ही वो मजबूर होता है। हमें हरदम यही है सोचना,यह ही समझना है।हर एक रिश्ता…

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धर्म-कर्म करते चलो

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** सदा सत्य की राह पर, कदम बढ़े हर बार।मानव सेवा धर्म हो, मन में शुद्ध विचार॥ तन मन तब शीतल बने, जब हो अच्छा कर्म।सत्य…

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