कवेलू

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** ओ मेघा रे... गन्नू-माँ आज तू बहुत उदास है, क्या बात है ?माँ-तुझे क्या बताऊँ बेटा ? तू अभी बहुत छोटा है, तू इन बातों को…

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ओ मेघा रे आकर…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* ओ मेघा रे… ओ मेघा रे आकर, अब तो सज जा,जीवन तरसे तुझ बिन, बारिश तो दे जा।बूंदों से पानी की जीवन चलता है,बिन…

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क्यों हमको तरसाए रे

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* ओ मेघा रे… ओ मेघा रे, क्यों हमको तरसाए रे,अब के बरस कब होंगे तेरे दरस ओ मेघा रेछम-छम करता तू धरती पर स्फूर्ति से आजा…

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बिना बरसे गुजरा…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ओ मेघा रे… कहाँ भटका मेघा किधर छिप के,लगाया ये किसने तेरी राह पहरा। जिया तुम दुखाते न बरसे रे मेघा,दिखाए पिया की तरह नाज-नखरा। खड़ी राह…

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सार्थक जीवन

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** दर्द बंटाने को औरों का, बोझ उठाना पड़ता है,उनके खातिर निजता को भी दाँव लगाना पड़ता है।खो कर के अपने वजूद को परहित में जीवन जीये,जहर…

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आए तुझको मनाने

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हम तो चले आए मोहन तुझको मनाने,,चाहे आप मानें, और कहो काहे ना मानें। जाना नहीं, अपने दिल में तुझे हम बिठाए हैं,कटोरा भर माखन तेरे…

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कहीं डगर भी हो

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सीधी-सच्ची कहीं डगर भी हो।साथ अच्छा-सा हमसफ़र भी हो। शब अँधेरी की अब सहर भी हो।उनको मेरी ज़रा ख़बर भी हो। रोज़ बनवाइये महल…

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पावस

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* ओ मेघा रे.... गीत गा रही वर्षा रानी, आसमान शोभित है।बहुत दिनों के बाद धरा खुश, तबियत आनंदित है॥ गर्मी बीती आई वर्षा,चार माह चौमासा।कभी…

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मेघा रे….

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** ओ मेघा रे… ओ मेघा रे,ओ मेघा ना तरसा रेअब तो सुधा रस बरसा जा रेतपती धरती राह देखती,पवन अगन बरसाए रे। जीव-जन्तु दुखी त्रस्त पड़े हैं,पथिक…

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स्वागत मेघा

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* ओ मेघा रे… आओ रे मेघा! झूम के आओमहीनों बीत गए गर्मी में,सूरज से अकुलाई धरा परबरखा का संदेश सुनाओ।आओ रे मेघा… प्यासी धरती बाट निहारेसुबह-शाम मरुभूमि…

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