अँधेरा मिटाया नहीं
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** कभी दीप कोई जलाया नहीं,अँधेरा दिलों से मिटाया नहीं। सहारा बने न किसी के कभी,गिराते रहे, क्यों उठाया नहीं। उजाड़ी सदा प्यार की बस्तियाँ,जहाँ पर किसी…