मुक्तिधाम-जीवन का सत्य
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जीवन का तो अंत सुनिश्चित, मुक्तिधाम यह कहता है।जीवन तो बस चार दिनों का, नाम ही बाक़ी रहता है॥ रीति, नीति से जीने में ही, देखो नित्य भलाई है।दूर कर सको तो तुम कर दो, जो भी साथ बुराई है।नेहभाव ही सद्गुण बनकर, पावनता को गहता है,जीवन तो बस चार दिनों … Read more