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सबकी सेवा कर जाना

अंजना सिन्हा ‘सखी’
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
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विश्वास: मानवता, धर्म और राजनीति….

मानवता को धार हृदय में, सबकी सेवा कर जाना।
थोड़ा जीवन कर्तव्यों के, गीत हमेशा तुम गाना॥

दीन-दुखी की सेवा करके, नित्य प्रेम ही तुम बाँटो।
भेद-भाव को दूर भगा कर, मन का सारा तम छाँटो।
प्रेम मार्ग में मीत मिलें तो, खुद पर कभी न इतराना…,
मानवता को धार हृदय में सबकी सेवा कर जाना…॥

मानव जन्म मिला है तुमको, जीवन पथ पर है चलना।
हो न किसी से रंजिश अपनी,
नहीं किसी से है जलना।
जग में सारे तेरे अपने, उन्हें प्रेम से अपनाना…,
मानवता को धार हृदय में,
सबकी सेवा कर जाना…॥

साथ न लाए कुछ जोड़ा वो, सभी यहीं है रह जाना।
मिट्टी का यह मानव तन भी, मिट्टी में ही मिल जाना।
फल की चिंता छोड़ कर्म का, बुन लेना ताना-बाना…,
मानवता को धार हृदय में,
सबकी सेवा कर जाना…॥