तुम तो हो परदेस पिया जी…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** सूने महल अटारी सूनी, मन का आँगन सूना है।तुम तो हो परदेस पिया जी, मेरा सावन सूना है॥ जबसे तुम परदेस सिधारे, मन को चैन नहीं मिलता,बिन पानी अरु बिन माली के, सरसिज कभी नहीं खिलता।तुम बिन ये सावन है फीका, दर्द हृदय में दूना है,तुम तो हो परदेस पिया जी, … Read more