आँखें तरस गई…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** जीना तड़प-तड़प के तकदीर बन गई।तुमको देखने प्रिये मेरी आँखें तरस गई॥ तुमको देखने प्रिये मेरी आँखें तरस गईं,स्मृतियों के मेघ छाये सावन सी बरस गईये सूरज भी हँस-हँस के मुझे ताने है मारता,संध्या के बहाने वो बस मुझको ही ताकता।मीठी ये पुरवाई भी नागिन-सी डस गई,तुमको देखने प्रिये मेरी … Read more

शरद का चाँद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धवल चाँदनी छत पर आई,अमृत बरस रहा है।रात पूर्णिमा शरद की आई,अमृत बरस रहा है॥ राह निहारी सबने तब ही,प्रेम आज गदराया।गगन आज बन गया सहायक,नेह-सँदेशा लाया।मधुर मिलन की बेला आई,अमृत बरस रहा है,रात पूर्णिमा शरद की आई,अमृत बरस रहा है…॥ मादकता दिल में जागी है,भावों का आवेग।बाँहें हैं आतुर देने … Read more

भारत जग सिरमौर बनेगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** भारत देश हमारा प्यारा,जग सिरमौर बनेगा।विकसित हो संभ्रांत शक्ति से,विश्व विजय कर लेगा॥ गरिमा महिमा संस्कारों से,सबका मित्र बनेगा,छोटे-बड़े सभी देशों से,सद्भावना धरेगा।शक्ति और सामर्थ्य भाव से,विकसित राष्ट्र बनेगा,विकसित हो संभ्रांत शक्ति से,विश्व विजय कर लेगा…॥ हम भारतवासी संस्कृति से,कण-कण सदा संवारें,स्वच्छ,स्वस्थ भारत की महिमा,जन-जन तक पहुंचाएं।सबका साथ विकास सभी का,सबको … Read more

निचुड़ गया मन

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ बूंद-बूंद चुनर-सा निचुड़ गया मन,तार-तार सिकुड़ गया मानवी वसन।सूख-सूख टूट गये,चाहों के तानेइधर-उधर फैल गये,सपनों के बानेअसहनीय हुई उसे धूप की तपन।बूंद-बूंद चुनर-सा…॥ उड़-उड़ के रंग हुआ,ऐसा चितकबरादिखता ज्यों सावन का,अम्बर में बदरानये-नये जीवन को लग गया व्यसन।बूंद-बूंद चुनर-सा…॥ गीतों के मैंने,पैबन्द कुछ लगायेफटी हुई चुनर न,पूरी फट पायेजोड़-जोड़ छिने सकल बीते कुछ … Read more

द्वैष नहीं पलने देना

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हृदय भाव में द्वेष नहीं पलने देना।झूठ कपट अरु स्वार्थ नहीं भरने देना॥ मानवता की राह सदा चलना हमको,सत्य पथिक बन साँचे में ढलना हमको।लोभ मोह में व्यर्थ नहीं जलने देना,हृदय भाव में द्वेष नहीं पलने देना…॥ समता का ही पथ हमको निज अपनाना,मृदुभाषी का श्रेय हमें है नित पाना।कपट पूर्ण … Read more

बजी ढोलकी बन बादन की

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पथ से अधिक थकाने वाली,मंजिल मुझे मिली जीवन की।चरणों को विश्राम मिल गया,चाल रही ज्यों की त्यों मन की॥ अब जाऊँ किस ओर जगत के,ओर-छोर दोनों चल आईनहीं ओर में ठौर कहीं भी,नहीं छोर में,मैं रह पाई।चली ओर से थी समीर-सी,लौटी बन बदली सावन की…॥ जब तक रही ओर में भव के,थे सोपान … Read more

धुंध छायी हर तरफ

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* विश्व में छाने लगीं अब युद्ध की तैयारियां।धुंध छायी हर तरफ रोने लगी किलकारियां॥ बाज लोहे के दिखाते पैंतरे आकाश में,आग तोपों से निकलती युद्ध के अभ्यास में।और धरती पर उगीं बारूद की फुलवारियां,विश्व में छाने लगीं…॥ खींच कर भागे फिरंगी लीक दो-दो युद्ध की,हो रही दूषित धरा नानक गुरू औ … Read more

ईश्वर की शुभ सच्ची श्रद्धा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. ईश्वर की शुभ सच्ची श्रद्धा,श्रेष्ठ कर्म ही सार है।पुण्य पथिक जो बनकर चलते,करते वे उद्धार है॥ आडंबर का पथ झूठा है,सच्ची मन की भावना,सत्कर्मों की राह धरे जो,पूरी होती कामना।मानवता पथ ध्येय मनुज का,सुंदर शुभ व्यवहार है,ईश्वर की शुभ सच्ची श्रद्धा,श्रेष्ठ कर्म ही सार है…॥ … Read more

माँ शैलसुता

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** नवरात्र विशेष…… खिले हुए हैं तरु पल्लव सब छायी आज बहार है।पावन दिवस आज है आया घर-घर मँगलाचार है॥ नव किरणें फूटी अंबर में दूर हुआ अँधियारा,घर-घर वंदनवार बँधी है खूब सजा हर द्वारा।चौक पुराओ,मंगल गाओ नवरात्रि त्योहार है,पावन दिवस आज…॥ आज पधारी शैल सुता जब सुनी विनय भक्तों की,होंगी सब … Read more

जीवन के अनुबन्ध

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ गीत बनाये जब भी मैंने,छन्द सभी निर्बन्ध बन गये।मैंने इनको दी आज़ादी,इनने मुझको यश से बांधायह प्रतिदान मिला कि मेरी,आज़ादी में आई बाधा।ज्यों-ज्यों गीत बनाये नूतन,नये-नये प्रतिबन्ध बन गये…॥ बने गीत ही मेरी बस्ती,तथा कल्पना बनी सहेलीभावों ने आ-आकर मुझसे,निश दिन आँख मिचोनी खेली।यही हुई रिश्तों की सीमा,जो इनसे सम्बन्ध बन गये…॥ जो … Read more