बिना नीड़ के बया बिचारी
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* कटे पेड़ के ठूँठ विराजी, बया मनुज को कोस रही। बेघर होकर,बच्चे अपने, संगी-साथी खोज रही। मोह-प्रीत के बंधन उलझे, जीवन हुआ क्लेश में। जैसा भी…
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* कटे पेड़ के ठूँठ विराजी, बया मनुज को कोस रही। बेघर होकर,बच्चे अपने, संगी-साथी खोज रही। मोह-प्रीत के बंधन उलझे, जीवन हुआ क्लेश में। जैसा भी…
सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** रिमझिम बरखा देखकर,हुआ आज अहसास। धोरां वाले देश में,आया सावन मासll बैठी अब चुपचाप है,नटखट उड़ती धूल। किया नीर का आचमन,खिले हृदय में फूलll बिना पात…
अनिता मंदिलवार ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** हर गम सहती है। फिर भी हँसती हैll चलना ही है जीवन, बस यही कहती है। हर हाल में वह, मुस्काती रहती हैll हर गम…
पवन गौतम ‘बमूलिया’ बाराँ (राजस्थान) ************************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. एक सैनिक जहाँ छोड़ जाने लगा, था खड़ा वो हिमालय थरथराने लगा। लड़खड़ाकर गिरा होश जब खो गया, आसमाँ…
संजीव शुक्ल ‘सचिन’ पश्चिमी चम्पारण(बिहार) ****************************************************************** है गीत ये मिलन का,गाओ मुझे सुनाओl चितचोर दिल लगाकर,यूँ दूर अब न जाओll तेरे लिए सजी हूँ,मनमीत मैं बता दूँl जो भूल तुम…
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* पायल छम छम संग देखो, ये सावन आयो रे। रिमझिम बारिश की बूंदों संग, ये सावन आयो रे। कारी बदरिया छाए गगन में, बादल…
प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** मेघा बरसे रे,जन सब हरसे रे, धरा पर बरसे मेघा रसधार। चले ठंडी बूंदों की फुहार, वसुधा पहने हरियाली का हार। बहारें गा रहीं गीत मल्हार,…
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** भीतर से मैं टूट चुका हूँ, आज बहुत रोने का मन है। दूर कहीं बस्ती से जाकर, जी भर कर सोने का मन है॥…
पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’ मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** जी चाहता है मेरा,भारत नव निर्मित हो, शहरों से गांवों तक-जन जन का हित हो। जी चाहता है...॥ हर घर में रोजी-रोटी हो,जन जन बनें…
छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** पुलक उठी है उर मनुहार, मुखर मुग्ध कर रही फुहारl सिहर उठा कोमल अति गात, चंचल मुग्ध बेसुध सखि रातl श्याम देह…