माघ-स्नान वृत
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* पावन बहुत प्रयाग, चलो करें वंदन अभी।गुंजित सुखमय राग, रहें हर्षमय हम सभी॥ कितना चोखा मास, कहते जिसको माघ हम।जीवित रखता आस, हर लेता हर ओर…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* पावन बहुत प्रयाग, चलो करें वंदन अभी।गुंजित सुखमय राग, रहें हर्षमय हम सभी॥ कितना चोखा मास, कहते जिसको माघ हम।जीवित रखता आस, हर लेता हर ओर…
कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** राम-राज... सदमार्ग वाली राह, लोग जो हैं भूल गए,उनको सद ज्ञान का, प्रकाश दिखाइए॥देश के लिए जो वीर, प्राण बलिदान किए,वीरता की गाथा युवा, पीढ़ी को…
डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** वर्तमान का मानव देखो, करता रहता व्यंग है।औरों के निज कर्म ध्येय पर, पथ करता नित भंग है। तुच्छ बात पर बिना विचारे, करते व्यर्थ प्रसंग…
सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** गणेश चतुर्थी विशेष... गौरी माँ के प्रिय लाल,पिता शिव महाकालकार्तिकेय ज्येष्ठ भ्राता,रिद्धि, सिद्धि लाते हैं। प्रथमेश श्री गणेश,काटते सकल क्लेशगजानन, लम्बोदर,लड्डू भोग खाते हैं।…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* संकल्पों को सीखो जीना, तब ही जीवन सफल बनेगा।उपवन में अब फूल खिलेंगे, हरियाली से बाग सजेगा॥ मुरली कान्हा मधुर बजाते, मूरत उनकी हृदय बसाओ।कठिन…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६-१६ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२ २ २ २, ३, ३ वतन…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सावनमन भावनझूम-झूम बरसेताल-तडागभरे। नदियाँउफान परकल-कल करतीतीव्र वेगबहती। प्यासीभूमि भीजल से तृप्तहरी चादरओढ़े। खेतखाली थेअब तक जोकिसान भीचला। झरनेकल-कलकरते गिरते हैंमन करतेआनंदित। मेंढकटर्राते हैंझींगुर शोर मचातेकराते अहसाससंगीत।…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सरिता बहे जगत के हित में, सबको नीर दे।खेत सींचती,मंगल करती,सबकी पीर ले॥सरिता अपना धर्म निभाती, बहती ही रहे।कोई कितना कर दे मैला, सहती ही रहे॥…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६, १७ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२२२२, ३३२, २३३ बम बम भज…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** नीर की महिमा जानें आप।धरा का सहे निरंतर ताप॥श्रेष्ठ जल ही बस है आधार।समझ ले इसका क्या है सार॥ व्यर्थ न कभी करें बर्बाद।करें दीनों को हरपल…