रथोद्धता छंद विधान
बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:११ वर्ण, प्रति चरण ४ चरण, २-२ समतुकांत हो।रगण नगण रगण लघु गुरु २१२ १११ २१२ १ २ वीर पीर हर भूमि नीर की।पेड़ जंतु खग ताल तीर की।मेघ आज नभ चाल काल है।देख अंत फिर मंद हाल है। चेत धीर जन भाव भावना।ले सहेज जल भूमि कामना।मीत मान यह बात आज ले।तो … Read more