असफलता से सीखें

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सदा पराजय आलसी, व्यसन कलह संलग्न।मुफ्तखोर निन्दक मनुज, दंगा हिंसा मग्न॥ अहंकार पद पा मुदित, मदमाता इन्सान।पराजय विचलित मना, खो विवेक पथ यान॥ कठिन पराजय सहन जग, हो विचलित इन्सान।कठिन धैर्य संयम सबल, मति विवेक सद्ज्ञान॥ प्रकृति मनुज नित विजय की, पौरुष यश सम्मान।तनिक चूक यदि ध्येय पथ, पराजित … Read more

५ साल की राजनीति

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** पाँच साल अब हो चले, नेता की यह चाल।जन का पैसा लूटकर, होते मालामाल॥ रोड बनाते अब दिखे, जब है पास चुनाव।स्वार्थ सिद्ध की राह से, क्रोधित जन का भाव॥ हाथ जोड़ते दिख रहे, घर-घर नेता आज।पाँच वर्ष के बीच में, शून्य रही आवाज॥ राजनीति के अंत में, दिखता उनको नोट।घर-घर … Read more

रचनाकर

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* ईश सृष्टि से है बड़ा, कवि रचना संसार।इसमें बस आनंद है, कवि है रचनाकार॥ ईश्वर की इस सृष्टि में, षड रस का है मेल।कवि की रचना में रहे, नवरस का ही खेल॥ ईश्वर रचनाकार है, फिर भी कष्ट अपार।कवि की सुंदर सृष्टि में, केवल रस की धार॥ करता है जो कल्पना, … Read more

मतदाता का फिर मोल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मतदाता का मोल फिर, बढ़ता पुन: चुनाव।हाथ जुड़े नेता पुनः, प्रजा टटोले भाव॥ सत्ता का ऐसा नशा, भूले मनुज ईमान।हिंसा दंगा गबन रत, नेता जनमत मान॥ दब वादों के बोझ से, जनमत है गुमराह।बदल गई इन्सानियत, मुफ्तखोर की चाह॥ सत्ता चाहत है अजब़, नेता अद्भुत चाल।नित्य नवल उद्घोषणा, जनता … Read more

लोकतंत्र का सम्मान करें

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** लोकतंत्र के ध्येय पर, करें सभी मतदान।मौलिक यह अधिकार है, यही हमारी शान॥ नेता सच्चा हम चुनें, कर मत उचित प्रयोग।जो बिक जाते लोभ में, स्वार्थ धरे कुछ लोग॥ मिथ्या कर जनघोषणा, नेता चलते चाल।सत्ता पाकर नित सभी, पूछें कभी न हाल॥ बेरोजगार हैं युवा, मांगें उनसे वोट।पाँच वर्ष जब बीतते, … Read more

राजनीति का खेल

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** राजनीति के खेल में, पिसते सदा गरीब।वोट माँगकर दीन का, जाते नहीं करीब॥ सत्ता पाना है हमें, एक यही बस लोभ।मरते नित्य गरीब पर, कभी न करते क्षोभ॥ दौलत की भरमार है, फिर भी चूसें खून।खून-खराबा हो रहा, सत्ता बना जनून॥ जात-पात की आड़ में, लूटें छल से वोट।सत्य कर्म से … Read more

मानवता दीपक जले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी, माँ काली अवतार।उत्सव नरक चतुर्दशी शुभ, करे पाप संहार॥ शुभ छोटी दीपावली, हो जीवन उजियार।रिश्तें हों स्नेहिल मधुर, बहे समुन्नत धार॥ दीवाली त्यौहार में, आये खुशी बहार।जले खुशी की फुलझड़ी, प्रेम शान्ति उपहार॥ दीपक जगमग दिशाएँ, मिटी अमावस रात।धनवर्षा लक्ष्मी करे, मिले सुखद सौगात॥ मर्यादा दीपक … Read more

जन हथियार ‘मतदान’

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* लोकतंत्र के यज्ञ में, मत का आहुति दान।मिलकर कर लो जन सभी, यही पुण्य अभियान॥ जनता का हथियार यह, पाते हैं अधिकार।हर एक मत का मूल्य है, बनती है सरकार॥ जनता चुनती है यहाँ, बहुमत से सरकार।जनता जिसको चाहती, वह पाता अधिकार॥ जनता का जन के लिए, होती है सरकार।जनता के … Read more

तोरण द्वारों से सजी अवध पुरी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तोरण द्वारों का समां, दीप ज्योति त्यौहार।विजय पताका सत्य की, आलोकित संसार॥ मिटे पाप घनघोर तम, धर्म ज्योति चहुँ ओर।देख अयोध्या राम ने, तोरण द्वार विभोर॥ तोरण द्वारों से सजी, अवधपुरी चहुँ ओर।खड़े सैन्य दुहुँ ओर पथ, दर्शन राम हिलोर॥ लखनलाल मन मुदित लखि, चहुँ तोरण बहु द्वार।खल दल … Read more

आए चुनाव

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* आए अभी चुनाव हैं, करें सभी मतदान।ये सबका अधिकार है, मन में लो सब ठान॥ नेता घर-घर घूमते, करें चुनाव प्रचार।एक-एक मत के लिए, झोली रहे पसार॥ नेता सभी चुनाव में, लालच दे हर बार।पाँच साल गायब रहे, अब घूमे जन द्वार॥ सोच-समझकर ही करें, सब अपना मतदान।वरना पछताना पड़े, नहीं … Read more