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राजनीति के दिव्यजन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला(मध्यप्रदेश)
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अटल बिहारी वाजपेयी जन्मदिन विशेष…

अटल दिव्यता के धनी, किया दिलों पर राज।
सदियों तक होगा हमें, महारत्न पर नाज॥

विनय भाव गहना रहा, प्रतिभा का संसार।
भारत माँ के आँगना, फैलाया उजियार॥

राजनीति के दिव्यजन, देशभक्ति-आयाम।
दमका लेकर दिव्यता, अटल बिहारी नाम॥

कवि बनकर साहित्य की, रक्खी हरदम लाज।
कविता के सुर-ताल थे, वाणी के अधिराज॥

संसद के बेटे खरे, गरिमा के उत्कर्ष।
युग को वे देते रहे, अंतिम क्षण तक हर्ष॥

संघर्षी जीवन रहा, थे गुदड़ी के लाल।
अटल बिहारी सूर्य-से, काटा तम का जाल॥

महा राष्ट्रनायक बने, शासन के सिरमौर।
राष्ट्र-प्रगति के केंद्र बन, दिया शांति को ठौर॥

अटल बिहारी के लिए, है सबको सम्मान।
उनके तो गुण गा रहा, देखो सकल जहान॥

हिंदी के सम्मान का, नारा किया बुलंद।
राष्ट्र संघ तक थी पहुंच, हुए पड़ोसी मंद॥

जन्मदिन पर है नमन, बोलें सब जयकार।
अटल नाम नित ही अटल, जो माँ का श्रंगार॥

परिचय–प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैL आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर को ग्राम प्राणपुर(चन्देरी,ज़िला-अशोक नगर, मप्र)में हुआ हैL एम.ए.(इतिहास,प्रावीण्यताधारी), एल-एल.बी सहित पी-एच.डी.(इतिहास)तक शिक्षित डॉ. खरे शासकीय सेवा (प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष)में हैंL करीब चार दशकों में देश के पांच सौ से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई हैंL गद्य-पद्य में कुल १७ कृतियां आपके खाते में हैंL साहित्यिक गतिविधि देखें तो आपकी रचनाओं का रेडियो(३८ बार), भोपाल दूरदर्शन (६ बार)सहित कई टी.वी. चैनल से प्रसारण हुआ है। ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं(विशेषांकों)का सम्पादन कर चुके डॉ. खरे सुपरिचित मंचीय हास्य-व्यंग्य  कवि तथा संयोजक,संचालक के साथ ही शोध निदेशक,विषय विशेषज्ञ और कई महाविद्यालयों में अध्ययन मंडल के सदस्य रहे हैं। आप एम.ए. की पुस्तकों के लेखक के साथ ही १२५ से अधिक कृतियों में प्राक्कथन -भूमिका का लेखन तथा २५० से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन कर चुके हैंL  राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में १५० से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति एवं सम्मेलनों-समारोहों में ३०० से ज्यादा व्याख्यान आदि भी आपके नाम है। सम्मान-अलंकरण-प्रशस्ति पत्र के निमित्त लगभग सभी राज्यों में ६०० से अधिक सारस्वत सम्मान-अवार्ड-अभिनंदन आपकी उपलब्धि है,जिसमें प्रमुख म.प्र. साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार(निबंध-५१० ००)है।