नयन
शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** नयन-नयन की जब हुई,आपस में टकरार।उठा ज्वार उर उदधि में,फूट पडे़ उद्गार॥ नयन नशीले मद भरे,लब ज्यों सुर्ख पलाश।कंचन काया पर चढ़ा,यौवन का मधुमास॥ नयन-नयन में हो गई,पिय की पिय से बात।तन-मन पुलकित हो उठा,मचल गये जज्बात॥ नयनों में उलझे नयन,उर खो बैठा होश।मचल उठे जज्बात फिर,यह यौवन का दोष॥ अधर-अधर … Read more