कुल पृष्ठ दर्शन : 204

You are currently viewing मिलन ईश वरदान

मिलन ईश वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला(मध्यप्रदेश)

***********************************

मिलन ईश वरदान है,है इक पावन भाव।
जिसका मनचाहा मिलन,उसको नहीं अभाव॥

मिलन नहीं तो,है विरह,जो लगता अभिशाप।
मिलन एक अहसास है,मिलन लिए नित ताप॥

मिलन बदल दे ज़िंदगी,मिलन प्रेम के नाम।
मिलन खुशी है,वेग है,मिलन राधिका-श्याम॥

मिलन सदा है बंदगी,मिलन एक उत्कर्ष।
मिलन मेलकर दो हृदय,जीते हर संघर्ष॥

मिलन कामना नेक है,मिलन रचे मधुमास।
मिलन सदा ही आस है,मिलन एक विश्वास॥

भक्त-मिलन आराध्य से,तो पलता अनुराग।
मिलन लिए सुर,ताल,लय,शुभ-मंगलमय राग॥

मिलन एक देवत्व है,मिलन एक जयगान।
मिलन एक अरमान है,जो रखता है आन॥

मिलन समर्पण,निष्ठता,मिलन सरसता-रूप।
मिलन रचे नित ही यहाँ,उजली-खिलती धूप॥

मिलन धर्म है,सादगी,मिलन पूर्ण संसार।
मिलन मिले,तब ही मिले,इस जीवन को सार॥

मिलन आत्मिक तत्व है,मिलन सात्विक सत्य।
मिलन मिले तो मान लो,उगा नवल आदित्य॥

परिचय-प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैL आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर को ग्राम प्राणपुर(चन्देरी,ज़िला-अशोक नगर, मप्र)में हुआ हैL एम.ए.(इतिहास,प्रावीण्यताधारी), एल-एल.बी सहित पी-एच.डी.(इतिहास)तक शिक्षित डॉ. खरे शासकीय सेवा (प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष)में हैंL करीब चार दशकों में देश के पांच सौ से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई हैंL गद्य-पद्य में कुल १७ कृतियां आपके खाते में हैंL साहित्यिक गतिविधि देखें तो आपकी रचनाओं का रेडियो(३८ बार), भोपाल दूरदर्शन (६ बार)सहित कई टी.वी. चैनल से प्रसारण हुआ है। ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं(विशेषांकों)का सम्पादन कर चुके डॉ. खरे सुपरिचित मंचीय हास्य-व्यंग्य  कवि तथा संयोजक,संचालक के साथ ही शोध निदेशक,विषय विशेषज्ञ और कई महाविद्यालयों में अध्ययन मंडल के सदस्य रहे हैं। आप एम.ए. की पुस्तकों के लेखक के साथ ही १२५ से अधिक कृतियों में प्राक्कथन -भूमिका का लेखन तथा २५० से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन कर चुके हैंL  राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में १५० से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति एवं सम्मेलनों-समारोहों में ३०० से ज्यादा व्याख्यान आदि भी आपके नाम है। सम्मान-अलंकरण-प्रशस्ति पत्र के निमित्त लगभग सभी राज्यों में ६०० से अधिक सारस्वत सम्मान-अवार्ड-अभिनंदन आपकी उपलब्धि है,जिसमें प्रमुख म.प्र. साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार(निबंध-५१० ००)है।

Leave a Reply