दायित्व बोध होना चाहिए गुरु को

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** यदि आप नहीं होते तो…(शिक्षक दिवस विशेष)... 'गुरु' शब्द अपने आप में एक पूर्ण शब्द है जो मानवता के कल्याण एवं उत्थान के लिए एक सर्वोपरि…

0 Comments

हिंदी का सवाल:चरित्र का संकट

डॉ. धर्मवीर भारती******************************************** भाषा और उसके बोलने वाले मनुष्य का संबंध अविच्छिन्न है। सच तो यह है कि, इतिहास के किसी विशिष्ट क्षण में किसी भाषा की प्रतिष्ठा के स्तर…

0 Comments

आंतरिक शुचिता है उत्तम शौच धर्म

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** 'उत्तम शौच' का अर्थ है पवित्रता। आचरण में नम्रता, विचारों में निर्मलता लाना ही शौच धर्म है। बाहर की पवित्रता का ध्यान तो हर कोई रखता है, लेकिन…

0 Comments

गोर्बाच्येव थे रूसी महानायक

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* मिखाइल गोर्बाच्येव के निधन पर पश्चिमी दुनिया ने गहन शोक व्यक्त किया है। शोक तो व्लादिमीर पूतिन ने भी प्रकट किया है, लेकिन रूस के इतिहास में…

0 Comments

धर्म, जाति और संविधान में सर्वोच्च क्या ?

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** सबसे पहले मैं जाति की बात, यह जातियाँ आखिर हैं क्या ? हम लोगों ने ही जातियाँ बनाई हैं। पहले जातियाँ जन्म के आधार पर नहीं, अपितु…

0 Comments

गुलाम नबी:सियासी गुल खिला पाएंगे ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** उम्र के आखिरी दौर में अपनी मूल पार्टी कांग्रेस छोड़ने के बाद वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के बारे में दिलचस्प टिप्पणी की कि वह…

0 Comments

‘शुक्रिया’ एवं ‘कृतज्ञता’ से संवारें जिन्दगी

ललित गर्गदिल्ली************************************** इंसानी जीवन का एक सत्य है कि आदमी दु:ख भोगना नहीं चाहता, किन्तु काम ऐसे करता है, जिससे दु:ख पैदा हो जाता है। यह आश्चर्य की ही बात…

0 Comments

दोनों ही पर्व दर्शाते हैं रिश्तों की मधुरता

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** ऋषि पञ्चमी (१सितम्बर) विशेष.... वैदिक काल में जिसे हम रक्षासूत्र कहते थे, उसे ही आजकल राखी कहा जाता है। मुझे याद है बचपन में हमारी बुआजी…

0 Comments

पेगासस:कुछ नहीं मिला, खाली-पीली हल्ला

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* इस्राइल से ५०० करोड़ रु. में खरीदे गए पेगासस नामक जासूसी यंत्र की जांच में कुछ भी नहीं मिला। भारत सरकार पर यह आरोप था कि इस…

0 Comments

दशलक्षण पर्व:परिग्रह का त्याग कर खुद को पहचानें

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************** आज विश्व में हिंसा, युद्ध, अशांति, मार-काट, जमाखोरी आदि जो भी विसंगतियां हो रही, होती रही और भविष्य में भी होगी, उसका मुख्य आधार अधर्म है। मानव के…

0 Comments