मेधावी बन सकें

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* जीवन बेहद अद्भुत है, असीम है, अगाध है। यह अनन्त रहस्यों को संजोए एक विशाल साम्राज्य है, जहाँ मानव कर्म करते हैं। कुछ परीक्षाएं उत्तीर्ण…

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भारतीयों के लिए गर्व की बात

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार ऋषि सुनक को हराकर यह सर्वोच्च पद पाया है। वे पिछली बोरिस…

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दायित्व बोध होना चाहिए गुरु को

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** यदि आप नहीं होते तो…(शिक्षक दिवस विशेष)... 'गुरु' शब्द अपने आप में एक पूर्ण शब्द है जो मानवता के कल्याण एवं उत्थान के लिए एक सर्वोपरि…

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हिंदी का सवाल:चरित्र का संकट

डॉ. धर्मवीर भारती******************************************** भाषा और उसके बोलने वाले मनुष्य का संबंध अविच्छिन्न है। सच तो यह है कि, इतिहास के किसी विशिष्ट क्षण में किसी भाषा की प्रतिष्ठा के स्तर…

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आंतरिक शुचिता है उत्तम शौच धर्म

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** 'उत्तम शौच' का अर्थ है पवित्रता। आचरण में नम्रता, विचारों में निर्मलता लाना ही शौच धर्म है। बाहर की पवित्रता का ध्यान तो हर कोई रखता है, लेकिन…

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गोर्बाच्येव थे रूसी महानायक

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* मिखाइल गोर्बाच्येव के निधन पर पश्चिमी दुनिया ने गहन शोक व्यक्त किया है। शोक तो व्लादिमीर पूतिन ने भी प्रकट किया है, लेकिन रूस के इतिहास में…

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धर्म, जाति और संविधान में सर्वोच्च क्या ?

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** सबसे पहले मैं जाति की बात, यह जातियाँ आखिर हैं क्या ? हम लोगों ने ही जातियाँ बनाई हैं। पहले जातियाँ जन्म के आधार पर नहीं, अपितु…

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गुलाम नबी:सियासी गुल खिला पाएंगे ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** उम्र के आखिरी दौर में अपनी मूल पार्टी कांग्रेस छोड़ने के बाद वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के बारे में दिलचस्प टिप्पणी की कि वह…

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‘शुक्रिया’ एवं ‘कृतज्ञता’ से संवारें जिन्दगी

ललित गर्गदिल्ली************************************** इंसानी जीवन का एक सत्य है कि आदमी दु:ख भोगना नहीं चाहता, किन्तु काम ऐसे करता है, जिससे दु:ख पैदा हो जाता है। यह आश्चर्य की ही बात…

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दोनों ही पर्व दर्शाते हैं रिश्तों की मधुरता

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** ऋषि पञ्चमी (१सितम्बर) विशेष.... वैदिक काल में जिसे हम रक्षासूत्र कहते थे, उसे ही आजकल राखी कहा जाता है। मुझे याद है बचपन में हमारी बुआजी…

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