भाव-उपहार भर माँ

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** पधारो हे! जगजननी अंबिका,नव-नव रूप धर अंबिकासिंह की सवारी, नेह बरसाती,तुम जगत माँ, शिवा साधिके भवानीतुम बिन संसार,तुम्हारी छत्र-छाया बिन मानव अधूरा हैआओ हे!शिव-शिवा संग माँ। विराजो हे! जगजननी अंबिका,नवरात्र, अभिनंदन हे! अंबिकासब दुःख टारो, उठा जग बीड़ा,पंडाल सजे, भक्तजन बुलाएं अंबिकासबकी निगाहें तुम पर,त्राहि-त्राहि मची, दीन-हीन परहर लो, सबकी … Read more

दुर्गा देवी महारानी माँ

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* रुनझुन करती आयी माँ,सबके मन को लुभाई माँस्वागतम् हे दुर्गा महारानी माँ। श्रद्धा सुमन अर्पित है,जन-मन आज हर्षित हैश्रद्धा भावों का संचार है,तुमसे ही विनय आभार है। दुखों का निवारण हो,शुभ-शुभ का आगमन हो,जीवन कष्ट सब हट जाएँ,बाधाएं सब मिट जाएँ। ज्ञान बुध्दि विद्या विवेक हो,सनमत प्रगति भरपूर हो,सत्य स्नेह … Read more

माँ कात्यायनी-६

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** कात्यायन ऋषि ने तप घोर किया,भुवनेश्वरी ने पुत्री बन जन्म लियासुता कात्यायनी षष्टम नव-रजनी,अरि-दल-विदारणी, महातेजस्विनी। स्वर्ण सदृश्य आभामय प्रखर काया,चारभुजा शस्त्र धारिणी, योगमायारक्तरंग वस्त्रधारिणी, रूप मनोहारी,काम, अर्थ, धर्म, मोक्ष दें माँ प्यारी। दानव दलन को माँ धरती पर आई,महिषासुर वध से अमर कीर्ति पाईसुर-मुनि-वंदित-पग-पद्म-कमल,शार्दूलवाहिनी माई का हृदय तरल। गोपियों … Read more

मनुज प्रकृति उपवन सम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मनुज प्रकृति उपवन समा, श्री वर्धन तरु ज्ञान।सुदृढ़ पादप चरित हो, मानक कीर्ति बखान॥ मजबूती देती तना, शाखाओं विस्तार।शील धीर त्यागी विनत, रीति नीति आधार॥ हरित भरित किसलय ललित, पत्ती ऊर्जावान।संस्कार परिवार से, क्षमा दया मतिमान॥ सावन बरखा आगमन, हरियाली उद्यान।खिलती कलियाँ कुसुम बन, सुरभित सम मुस्कान॥ फलदायी पुरुषार्थ … Read more

नदी:संकल्प लो, जीवन बचाओ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** ‘विश्व नदी दिवस'(२८ सितम्बर) विशेष… बहती धारा का ये गीत है प्यारा,नदी ही जीवन का आधार हमारा। इसकी लहरों में कल-कल सुर है,धरती का पूरा अस्तित्व उधर है। आज प्रदूषण से घिरी नदी है,प्यास से तड़पती खड़ी नदी है। हमने ही तो दीं चोट हजार,अब बनें इसके रखवाले बार-बार। संकल्प करें-इसे … Read more

माता के नवरात्रे

urmila-kumari

उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** सज रहे हर मंदिर देवालय माँ के आए पावन नवरात्रे,धूम मची गली-मोहल्ले-शहर में छाए पावन नवरात्रे…। पहले रूप में माता शैलपुत्री सुख भरी झोली देने आई,करो पूजा भजन माता सबकी खाली झोली भरने आई…। दूसरे दिन माता ब्रम्हाचारिणी रूप अंगना में आई,तपस्या संयम धर माता हमें विद्या ज्ञान देने आई…। … Read more

महापाप अब और नहीं

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सभी जानो! कन्या भ्रूण हत्या इस युग का पाप है,यह सचमुच में ही इस दौर का बहुत बड़ा संताप है। कन्या को भी जन्म लेने का पूरा अधिकार है,उसका भी चहकने, महकने का सुखद संसार है। वह भी तो बालक के ही समान सुकोमल जीव है,कोई निर्जीव नहीं, हाड़-माँस से बनी … Read more

माँ स्कंदमाता सुख लाई

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* माँ भवानी आ गयी है, मुस्कान प्रीत सुख लायी हो,करुणार्द्र चित्त संवेदन मन, कार्तिकेय मनाने आयी हो। जवाकुसुम पूजित माँ अम्बे, शरणागति सुत जगदम्बा होशशिकला शीतला माँ ललिते, तारकविनाशिनी अम्बा हो। आश्विन शुक्ल पूजन वन्दन, पंचम स्कंदमाता शक्ति हो,वैदिक पूजित माँ जगदम्बा, भवानी भक्तों की भक्ति हो। जय जननी … Read more

है सम्मोहक हिंदी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** सौम्य, सुमधुर, सम्मोहक हिंदीसरल, सुलभ है सुवासित हिंदी,संस्कृत की यह सुता कहाती-सत्यं,शिवं,सुंदरम् हिंदी। सभ्य, शिष्ट, सम्मानित हिंदीसदाचार संचारित हिंदी,हो सामूहिक शक्ति प्रदर्शन-करें सरकारी कार्य में हिंदी। सुबह-शाम सब बोलें हिंदीसज्जन सरिस सुवासित हिंदी,संत समागम में शोभित है-सरस-सुधा बरसाती हिंदी। सुर-संगीत सजाती हिंदी,साहित्य सभी बताती हिंदीसंघर्षों के बीच फँसी यह-सर्व शक्ति संचालित हिंदी। … Read more

माँ स्कंदमाता-५

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** स्कंदमाता है करुणा की मूरत,सिंहवाहिनी, शुभ्र वर्णी सूरतकमलपुष्प पर पार्वती विराजे,गोद में कार्तिकेय स्वामी साजे। अद्भुत दिव्य आभा, चतुर्भुज,ज्ञानपुंज, शौर्य प्रतीक तनुज।दो हाथों में कमल को थामती,अभय मुद्रा से आशीष वारती। पंचम दुर्गा वात्सल्य की कृति,उपासकों को देती गति-मतिमाँ शक्ति स्त्रोत, दया की सागर,संतति सुख देती बात उजागर। कृपा … Read more