भाव-उपहार भर माँ
सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** पधारो हे! जगजननी अंबिका,नव-नव रूप धर अंबिकासिंह की सवारी, नेह बरसाती,तुम जगत माँ, शिवा साधिके भवानीतुम बिन संसार,तुम्हारी छत्र-छाया बिन मानव अधूरा हैआओ हे!शिव-शिवा संग माँ। विराजो हे! जगजननी अंबिका,नवरात्र, अभिनंदन हे! अंबिकासब दुःख टारो, उठा जग बीड़ा,पंडाल सजे, भक्तजन बुलाएं अंबिकासबकी निगाहें तुम पर,त्राहि-त्राहि मची, दीन-हीन परहर लो, सबकी … Read more