तस्वीर

डॉ. बालकृष्ण महाजननागपुर ( महाराष्ट्र)*********************************** आज,हर नेता की तस्वीरहमें अलग हो,दिखने लगी है।कल तक-जो नदारद हुए थे,चुनावी माहौल मेंचुस्त, तंदुरुस्तदिखने लगे हैं। हम चाहते हैं कि-प्रतिवर्ष चुनाव होते रहें।और,नेताजी की…

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आँखें बताती

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** ज़िन्दगी हँसाती कभी रुलाती,ये बात जब आँखें हमें बतातीदिल कहीं कभी खो जाता,यादों की गलियों मेंजगह तो वहीं। शहरों के चेहरे बदल जाते,मुखौटे के पते पूछे किससे…

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‘मत’ से करो फैसला

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हे पुत्रों अपनी माँ भारती का, ध्यान से पढ़ना खत,हम और तुम दोनों खुश रहें, दो अपना विचार मत। तुम्हारे उचित फैसले से मुझे मिल जाएगी…

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हे भारत माँ

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** हे भारत माँ उच्चारित नाममैं नत मस्तक करती प्रणाम,पुरूष पुरातन नवल शिष्टसैनिक शोभित कर्तव्य-निष्ठआराधित पूजित श्री ललाममैं नत मस्तक करती प्रणाम। हिम-मुकुट सुशोभित तेज़ धारगल पहने गंगा-जमुन…

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बचपन की लाइब्रेरी

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** आज यकायक हवा के सुरम्य झोंके के साथ,चुपके से झाँकी वह बचपन की लाइब्रेरी, मेरे सपने की प्रहरीकिताबों की मीठी-सी लहरी। मैं पढ़ती थी जहाँ,प्रेमचंद, शरतचंदऔर शिवानी को...,माथे पर…

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आम का मौसम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* भीषण गर्मी कर रही हलकान,आग बरस रहा शहर, गाँव, खेत-खलिहानपानी के लिए मची है त्राहि- त्राहि,छायादार वृक्ष लगाए हर नर- नारी। ऐसे में जब पीला-पीला,आए स्वादिष्ट…

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जमाना आजकल

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** जमाना जैसा था कल,वैसा आज हैकभी नहीं बदलेगा,शायद हमसे नाराज है। जमाना हमसे,मिलकर बनता हैजब हम सुधरेंगे,तो जमाना बदलता है। जमाने को दोष मत दीजिए,झाँकिए…

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बचपन का आँगन

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* सबसे प्यारा बचपन का आँगन,भैया मेरे उस आँगन को सँवारे रखना। जिसमें बीता हमारा बचपन,उस आँगन संजोए रखना। नहीं चाहिए रूपया-पैसा,बचपन जैसा प्यार बनाए रखना। माँ…

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ताकतवर सिंदूर

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* लाल रंग का एक भुरभुरा पदार्थ,इसमें छिपा रहता स्त्री का हितार्थ। अपनी मांग में स्त्रियाँ इसे भरती हैं,पतिदेव रहे सलामत, लम्बी उम्र की कामना…

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प्रकृति का गठजोड़ है…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ फल-फूल, पेड़-पौधे,रंग-बिरंगी दुनिया में प्रकृति का गठजोड़ हैयह एक-दूसरे के अपनेपन को बढ़ाते हैं,इसे हम पहचानेंप्रकृति को करीब से जानें। मौसम के विभिन्न रंगों में,…

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