वो छुटपन की होली…

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** जीवन और रंग... वो छुटपन की होली,छोटी पिचकारियाँचढ़ के अटारियाँ,मारे पिचकारी की गोली।वो छुटपन की होली… भांग का नाम लेना पाप था,किले के नीचे सांप थाखाते…

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होली अनुराग

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जीवन और रंग.. जन-जन में दिखा अनुराग,आसमान में छाया गुलालअंग-अंग मेरा रंग गया,हो गया मैं तो मालामाल। ले हृदय में भाव प्रिय के,हाथों से रंग दिया उछालउठने…

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रंगों की कोई जात नहीं

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** जीवन और रंग... रंगों की कोई जात नहीं होती,भाई-चारे के देश में दुश्मनी की बात नहीं होतीये खेल है प्रेम की होली का,मिलकर रहते इसलिए टकराव की…

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संवेदना और संवाद

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** अतीत के दुस्वप्न को,नकारने का वक्त आ गयाजिंदगी की झलक में,सब-कुछ पाने का वक्त़ आ गया। संवेदना और संवाद,सबसे उत्तम व्यवहार हैउन्नति और प्रगति का,सर्वोत्तम आभार है। इतिहास और…

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आई याद ठिठोली

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तेरी आयी याद ठिठोली,आ गयी फिर निगोड़ी होली…। कदम्ब हो गया नीम करोली,नींदें अपनी मैंने खो लीयमुना की यह नीर नहीं है,मेरी अँसुवन की है टोली।आ गयी…

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आई है होली

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आई है होली चहुं ओर लोग झूमे हैं नाचे, रंगों की बौछार है,किसी के दिल में वासनाएं हैं घनी, किसी के प्यार ही प्यार है। आई…

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बहुत देर कर दी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** प्यार टेसू-सा,जो मौसम का रखताप्यार का हिसाब,यदि गुलाब-सा होताखुशबू बरकरार,किताबों में रखा फूलमहकता रहता,सूखने के बाद भी।दूरिया यादों की,वाय-फायमगर देर हो चुकी,चिड़िया चुग गई खेत।सपने बने आधार…

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तुम्हारी यादों का लिहाफ!

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** तुम्हारी यादों का लिहाफ ओढ़कर,गुजर रही है ये सर्दीसुबह की धूप में,हम दोनों साथ होतेबगीचे में।तुम कलियों की तरह मुस्कुराती,मैं तुम्हें घंटों तक निहारताअनिमेष।तुम दूब पे…

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पानी ही जीवन

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** आस्था का बीज उगाओ, पर घर न कोई जलने पाए,पानी ही जीवन है सबका, नदी न इससे दूषित हो पाए। पूजा का पुष्प व अर्घ चढ़ाओ न…

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हमराही जीवन की होली

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अपनी भाषा अपनी होली, मिलें मनाएँ समरस होली,रंगों की पिचकारी भरकर, आओ खेलें हम रंगोलीत्याग शील गुण कर्म समन्वित, न्याय नीति सम ज्योति जलायी,रमा…

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