मन मेरा पावस बिखराता
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सावन की रिमझिम बदली-सा मन मेरा पावस बिखराता।कभी घटा घनघोर, कभी यह मन मयूर जैसा हो जाता॥ जब चाहत अगँड़ाई लेती, बंधन को यह नहीं मानता,लहरों के…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सावन की रिमझिम बदली-सा मन मेरा पावस बिखराता।कभी घटा घनघोर, कभी यह मन मयूर जैसा हो जाता॥ जब चाहत अगँड़ाई लेती, बंधन को यह नहीं मानता,लहरों के…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी का घटता आँचल तो, है दु:खभरी कहानी।नारी का अब देख रवैया, है आँखों में पानी॥ शील, सत्व को धारण करके, नारी ने दिखलाया,संस्कारों की गरिमा…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शिव अविनाशी घर-घर वासी, सब देवों में देवेश्वर है।महाकाल विकराल सदाशिव, लिंगराज हर भुवनेश्वर है॥ सोमनाथ विश्वेश महेश्वर महादेव शिव नागेश्वर है,भीमाशंकर चिता भूमि…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आदिपुरुष तुम, पूरणकर्ता, शिव, शंकर, महादेव।नंदीश्वर तुम, एकलिंग तुम, हो देवों के देव॥ तुम फलदायी, सबके स्वामी, तुम हो दयानिधान,जीवन महके हर पल मेरा, दो ऐसा…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** पावन सावन-मन का आंगन... नीर नयन से बहते मेरे, झड़ी लगी ज्यों सावन की।ऐसा लगता है प्रिय मुझको, बीते घड़ी सुहावन की॥ प्रियतम अब तो आ भी…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धूम मचाती जल बरसाती, वर्षा रानी आई।आज मगन मन वृक्ष ले रहे, झूम-झूम अँगड़ाई॥ वसुधा की सब प्यास बुझ गई, हुआ आज मन हर्षित,मौसम में खुशियों…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** परम शुभम विद्यार्थी जीवन, बच्चे सबको भाते हैं।निश्छल बचपन पावन मंदिर, ईश्वर वो कहलाते हैं॥ कच्ची मिट्टी-सा हिय सबका, जैसा मन चाहे ढालें,ज्ञान ध्यान संस्कार श्रेष्ठ से,…
डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)************************************************* सपनों के संसार सजेपर मन है रीता-रीता।मन की चाह हुई न पूरीइक सारा युग बीता॥ चलता रहा सतत निज पथ पर,सच का बन अनुगामीचाटुकारिता के…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गीत गा रही वर्षारानी, आसमान शोभित है।बहुत दिनों के बाद धरा खुश, तबियत आनंदित है॥ गर्मी बीती आई वर्षा,चार माह चौमासा।कभी धूप, तो कभी नीर है,आशा…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** जीवन पथ ही समर भूमि है, पार स्वयं कर लो।उलझन से है आप निकलना, गाँठ बाँध धर लो॥ हर क्षण नित्य परीक्षा लेता, कष्ट बहुत मिलता,जब करता…