सावन में बिरह
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** बीत गया युग मिल जाओ तो हृदय कमल खिल जाये।युग की प्यासी इन अँखियों को दरश तेरा मिल जाये॥ राह चुनी ऐसी मग चलते, शायद तुम…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** बीत गया युग मिल जाओ तो हृदय कमल खिल जाये।युग की प्यासी इन अँखियों को दरश तेरा मिल जाये॥ राह चुनी ऐसी मग चलते, शायद तुम…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ रोज रात का आना-जाना,रोज सबेरे का इठलानालगता है ये दोनों ही हैं,इस जीवन का ताना-बाना। एक पूर्व से पश्चिम तक है,और एक उत्तर से दक्षिणसभी बंधे हैं इन…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** छोड़ पाशविकता ये सोचो अमन-शांति का अलग मज़ा है।हो अशान्ति साम्राज्य जहाँ वो जीवन लगता एक सज़ा है॥ विश्व लगे उपवन के जैसा है महक उठे…
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** चातक सम यह प्रीत हमारी,उड़ने को आकाश चाहिए।क्षितिज तक हो यात्रा अपनी,होना अब नहीं हताश चाहिए॥ भाग रहे यह दिन द्रुत गति से,पकड़ नहीं आते जाने क्यों ?लाख…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* शरद पूर्णिमा विशेष... नहा रहा है शुभ्र किरण में, देखो जग सारा है।चंदा की किरणों से बरसे,आज अमिय-धारा है॥ शरद निशा की गति-मति न्यारी,हर उर आज…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** जीवन में अंधेरा है फिर भी मजबूर हुए जीने के लिए।अंतर को उजाला मिल जाए कुछ आने वाले पल के लिए॥ आकाश निरंतर कहता है तुम…
दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** गाँधी-शास्त्री जयंती विशेष... बापू तेरे सपनों का भारत,आज बड़ी मुश्किल में है।सत्य अहिंसा तुझको पाने,ढूंढे हर महफ़िल में है॥बापू तेरे सपनों का भारत… सच…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कन्या तो है देवीरूपा,सबके दुख को हरती है।बेटी प्रति अनुराग लुटाओ,वो जगमग जग करती है॥ बेटी में दुर्गा,काली है,बेटी सचमुच दिव्या है।बेटी तो है भजन-आरती,बेटी नित…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* माता के नौ रंग (नवरात्रि विशेष).... तम को हरने वाली माता,आज उजाला कर दे।धर्म,नीति में जो हैं रहते,उनको अब तू वर दे॥ नौ रूपों में तू…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ माता के नौ रूप (नवरात्रि विशेष)... मैया कैसे चढ़ूं पहाड़,है डगरिया तेरी कटीली।पत्थर, कंकड़, झाड़ी-झंखड़,तिस पर राह अँधेरीगिरूं, पड़ूं चढ़ती ही आऊँ,लगन लगी है मेरी।मुझको राह दिखाती जाय,मैया…