डोरी संग रिश्तों का अहसास

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद विनम्र’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* रक्षाबंधन विशेष…. कितना अच्छा कितना प्यारा लगता यह त्यौहार है,सभी भाई और बहनों को बहुत भाता यह त्यौहार है। सावन मास की शुक्ल पूर्णिमा को आता यह त्यौहार है,भाई-बहन की प्रीत के गीत सुनाता यह त्यौहार है। भाई के मस्तक पर कुमकुम तिलक लगाता यह त्यौहार है,बहन की रक्षा सदा … Read more

बहना की पुकार

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रक्षाबंधन विशेष…. रचना शिल्प:मात्रा भार १६+१२=२८ राखी लिये हाथ में बहना, भैया तुम्हें पुकारे।ओ माँ जाये भाई आजा, बहना पंथ निहारे॥ बरसों बीत गये हैं भैया, मुख तेरा नहिं देखा,फटे कलेजा पीड़ा से ये ,कैसा विधि का लेखा।क्यों इतना निर्दयी हुआ है, ये तो मुझे बता रे,ओ माँ जाये भाई आजा, … Read more

आजादी का अमृत महोत्सव मनाएँगे

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************** भारत की यह शान तिरंगा,हर घर में फहराएँगे।देशभक्ति की अविरल धारा,जन मन हृदय बहाएँगे॥ प्राणों से भी प्यारा भारत,कर्म भूमि यह वीरों की।लाख सुतों की दी कुर्बानी,भारत के रणधीरों की॥जब तक चाँद-सितारे नभ में,हर युग पूजे जाएँगे।भारत की यह शान तिरंगा…॥ केशरिया संकेत त्याग का,हरा देश खुशहाली का।श्वेत शांति संदेशा … Read more

बनें इन्सान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* रचनाशिल्प:१२२२ १२२२ १२२२ १२२२ बनें इन्सान हम सब तो, सजेगी देन दाता की।भले इन्सान बनकर ही, मिलेगी देन दाता की॥ सुहानी सृष्टि रचना में, रची न्यारी-सी ये धरती,वनस्पति, जन्तु, जीवन,के, यही हर बोझ को सहती।इसी में क्या नहीं मिलता, रखे संतुष्टि भर जीवन,सजी जब सोच होगी तो, सजेगी देन … Read more

सावन है आया

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रचनाशिल्प:१६-१२= २८ मात्रा कुल नभ में घिरी घटाएँ काली अब सावन है आया।रिमझिम बारिश की बूँदों ने तन-मन है हर्षाया॥ जब भी गिरे झमाझम पानी सरगम-सी बजती है,माटी की सोंधी-सी खुशबू भी मन को हरती है।पिहू-पिहू कर रहा पपीहा दादुर भी टर्राया,रिमझिम बारिश…॥ देखा प्यारा इन्द्रधनुष तो प्रीत जिया में जागी,साजन … Read more

देवाधिदेव महादेव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* औघड़दानी,हे त्रिपुरारी!, तुम प्रामाणिक स्वमेव।पशुपति हो तुम,करुणा मूरत, हे देवों! के देव॥ तुम फलदायी,सबके स्वामी,तुम हो दयानिधानजीवन महके हर पल मेरा,दो ऐसा वरदान।आदिपुरुष तुम,पूरणकर्ता, शिव,शंकर महादेव,नंदीश्वर तुम,एकलिंग तुम, हो देवों के देव॥औघड़दानी,हे त्रिपुरारी… तुम हो स्वामी,अंतर्यामी,केशों में है गंगाध्यान धरा जिसने भी स्वामी,उसका मन हो चंगा।तुम अविनाशी,काम के हंता, हर … Read more

भीगी पलकें सुना रही कहानी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* भीगी पलकें सुना रही है,एक अनकही मौन कहानी।आँखों में शबनम की बूँदें,लगती प्यारी देख सुहानी॥ सपनों का अंबार लगा है,चैन नहीं मिलता है इनको।खोई रहती है यादों में,हृदय बसा कर रखती जिनको॥अश्क सँजोए रखती हरदम,पिय की सुंदर प्रेम निशानी।आँखों में शबनम की बूँदें…॥ जता रही है प्रेम उसी से,निर्मल स्वच्छ … Read more

स्वागतम् अभिनन्दनम्

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** दुर्दीन पीड़ अवसादित मन,दुर्गम राहें बढ़ पायी हैं।जो धीर-वीर संयम साहस,द्रौपदी सबल बन पायी हैं॥ अछूत वर्ग आदिवासी कुल,कुलदीप बनी मुस्कायी है।संघर्ष मूर्ति बाधक जेता,शिक्षा ज्ञान समर जय पायी हैं।दुर्दीन पीड़ अवसादित मन… वह नार्यशक्ति प्रति मानक नित,शिक्षिका सुयश रच पायी हैं।राजनीति सुपथ सोपान शिखर,चातुर्य शौर्य पा छायी हैं।दुर्दीन … Read more

श्याम-वियोगिनी गोपियाँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* घन श्याम अजिर में बरस रहे, सखि री! घनश्याम नहीं आए।अम्बर में शम्बर गरज रहे, चपला चमके जी घबराए॥ दूरी को सहना है मुश्किल,खो गए कहाँ प्रिय कन्हाई,मौसम पावस का आ पहुँचा,रुत है मादक पर नहिं भाई।मेघों का नर्तन है नभ में,मन भी लेता है अँगड़ाई,पर विरह आज रिपु बनकर … Read more

सृजन बना ईश वंदन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार-१५ सृजन का नशा निराला है,शब्दों में इसे ढाला है।समझ सको तो तुम समझ लो,नहीं तो अक्षर काला है॥ प्रश्न करूं जब मैं वक्त से,कलम लिख रही वह रक्त सेकभी अमृत की बूँदें यही,कभी विष का यह प्याला है।सृजन का नशा निराला है… जो निकलता मेरे मन से,विचारों से जो … Read more