कभी अशुभ बोलें नहीं

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कभी अशुभ बोलें नहीं,हो जाता आह्वान।अपना हृदय पवित्र हो,ये ही सच्चा ज्ञान॥ स्वयं आप में झाँकिये,कैसा है व्यवहार,धर्म कर्म की राह पर,किया कभी उद्धार।स्वयं प्रशंसा आप…

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भगवा रंग बोलेगा…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार १६-१५ भारती के लाल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा।दुश्मनों के काल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा॥ चढ़ाये शीश हँस-हँसकर,निडर हो माँ के चरणों में।वो माँ…

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चंचल-चपला चंद्रमुखी

सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* चंचल-चपला-सी चंद्रमुखी,फूलों-सी लगे महकी-महकी।गुलमोहर-सा सिंदूरी बदन,हिये प्रीत अगन दहकी-दहकी॥ निकसी श्रृंगार किए घर से,अपने प्रीतम से मिलने को।गुलनार सुघड़ मनमोहिनी-सी,भावों से भरी गहकी-गहकी॥चंचल-चपला-सी… रसना से मौन लिए…

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हे! भोलेभंडारी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************** हे त्रिपुरारी,औघड़दानी,सदा आपकी जय हो।करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो॥ तुम तो हो भोले भंडारी,हो सचमुच वरदानीभक्त तुम्हारे असुर और सुर,हैं सँग मातु भवानी।यही…

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उड़ जा नील गगन में

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ ले मन पंछी तुझे छोड़ती,उड़ जा नील गगन में।लेकिन लौट पुन: आ जाना,अपने इसी सदन में॥ले जा एक संदेशा मेरारे आज़ाद मुसाफिरकहना चंदा से,वह भेजे,सपने मेरे ख़ातिर।सपनों से…

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धरती माँ व्याकुल

तृषा द्विवेदी ‘मेघ’उन्नाव(उत्तर प्रदेश)***************************************** आदि शक्ति हे जग जननी माँ,पीड़ाओं को हरिये आकर।धरती माँ व्याकुल रहती है,अंत पाप का करिये आकर। अंतर्मन अब हार रहा है, lमन को धीर दिलाऊँ…

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साथ तुम्हारा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************** हर पल साथ तुम्हारा हो,तेरा मुझे सहारा हो।तुमसे बढ़कर और नहीं,तुझ तक जीवन सारा हो॥ मेरे प्रियवर,मेरे साथी,चाहत है बस तेरीतुझ तक सीमित मेरा जीवन,और…

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चलो मनाएं टीका-उत्सव

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** चलो मनाएं टीका-उत्सव,युद्ध-कोरोना लड़ना है।टीका लगाकर जीवन बचाएं,तभी कोरोना पिछड़ना है। मुँह मॉस्क और सोशल डिस्टेंस,साबुन से हाथ धो-धोकर।दो साल से युद्ध निरंतर,मजबूत इरादे…

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न जाओ पिया जी…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** रचना शिल्प:मात्रा भार १६-१६ मुझे न जाओ छोड़ पिया जी,तार-तार कर तार प्यार के।अप्रतिम नेह दिया है प्रियतम,उर को तुम पर सदा वार के॥ तुझको पाकर मुझे…

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जल बचाओ-कल बचाओ

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… 'जल बचाओ-कल बचाओ'समझो और समझाना है।ज़िन्दगी जीने के ख़ातिर,हमको जल बचाना है॥ जल से ही जीवन है अपना,जल से चलता…

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