नववर्ष खुशियाँ लेकर आएगा

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** गया वर्ष संघर्षों में बीता,नववर्ष खुशियाँ लेकर आएगा।सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा सा छाएगाll गए वर्ष में घर उजड़ गए हैं,देश का धन बर्बाद हो गया,डॉक्टरों…

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जा-जा रे कोरोना काल…

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** तुझको विदाई दे रहा नया साल,जा-जा रे कोरोना काल। तूने इस दुनिया को,भारी सताया,जन-जन के मुख पर मुखौटा चढ़ायाहर घर को कारागृह तूने बनाया,कैद किया मानव को,छल-बल दिखाया।फैलाया…

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लोकतंत्र के लाड़ले कवि अटल बिहारी

कन्हैया साहू 'अमित'भाटापारा (छत्तीसगढ़)*********************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. लोकतंत्र के लसित लाड़ले,कविवर अटल बिहारी।राजनीति का सफल सिपाही,जन-जन हैं आभारीll कृष्ण बिहारी के घर जन्में,कोख मातु श्री…

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अशुभ कभी बोलें नहीं

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** अशुभ कभी बोलें नहीं,हो जाता आह्वान। अंतर हृदय पवित्र हो,यह ही सच्चा ज्ञान॥ स्वयं आप में झाकिएँ,कैसा है व्यवहार। धर्म कर्म की राह पर,किया कभी उद्धार।…

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नारी जीवन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** शम्मा-सा जलता है पल-पल,और पिघलता नारी जीवन।देकर घर भर को उजियारा,आँखें मलता नारी जीवनll कर्म निभाती है वो तत्पर,हर मुश्किल से लड़ जाती,गहन निराशा का…

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याद आता है मुझे…

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* देखकर दूरक्षितिज पर मिलता,मुस्कराती शाम सेढलता दिन।याद आता है मुझेउनसे वो पहला मिलन। कड़कती बिजलियों सेमेरा वो डर जाना,बरसते सावन कीबौछारों की मिट्ठी छुअन।याद आता है मुझे,उनसे…

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रौशनी की किरण

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** (रचना शिल्प:२१२ २१२ २१२ २१२) रौशनी की किरण दे जमीं को गगन।नीर देती जमीं साथ होती पवनll लेन और् देन के खेल दोनों करें,सृष्टि-दस्तूर…

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नेह नीर का प्यासा पंछी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** (रचनाशिल्प:मात्रा भार १६+१४=३०) नेह नीर का प्यासा पंछीआँगन-आँगन डोल रहा,मिले चोंच भर नेह कहीं सेअपने बंधन खोल रहा। रहा भटकता दर-दर पर मैंअपने मन की प्यास…

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जीवन सत्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* सच्चाई की बात निराली,जीवन-सुमन खिलेंlअपनेपन से कर्म सँवारो,मंगलगीत मिलेंll करुणा का सागर छलकाओ,उर आनंदित होगा,हर इक पल में खुशी मिलेगी,मन उल्लासित होगाl पीर हरोगे यदि…

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मन चंचल दिखलाऊँ

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** कैसे तनदर्शी दर्पण को,अपना मन चंचल दिखलाऊँअपनी आँखों को अपनी ही,आँखों का काजल दिखलाऊँ। जागें आँखें तो देखें जग,सोयें तो देखें कुछ सपना।तन भी देखें मन भी देखें,पर…

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