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तिरंगा प्यारा

कन्हैया साहू ‘अमित’
भाटापारा (छत्तीसगढ़)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……….

नीलगगन पर आज,लहर लहराय तिरंगा।
तन-मन जीवन दान,त्याग सिखलाय तिरंगा।

अति अकूत अनमोल,अतुल अपनी आजादी।
अवनी से आकाश,अखिल अक्षय यह वादी।
गणनायक गणतंत्र,गर्व की गौरव गाथा।
भारत भरणी भूमि धूल लग दमके माथा।
रक्षक सक्षम शैल,हिमालय कंचनजंगा।
नीलगगन पर आज,लहर लहराय तिरंगा।
तन-मन जीवन दान,त्याग बतलाय तिरंगाll

संविधान सहकार,सचेतक सबल सजीला।
कर्म और अधिकार,एक ही शब्द सलीला।
सारी दुनिया छोड़,राष्ट्र निज सहज सुहाता।
अपनापन अनुरोध,अनोखा अमित लुभाता।
न्यौछावर निज प्राण,सदा मैं बनूँ पतंगा।
नीलगगन पर आज,लहर लहराय तिरंगा।
तन-मन जीवन दान,त्याग बतलाय तिरंगाll

कीर्तिनीय कथनीय,क्रांति की कनक कहानी।
बाहुबली बेजोड़,राष्ट्रहित में बलिदानी।
भागीरथ भवभूष,कभी क्यों जीयें भूलकर।
आओ मिलकर साथ,कहें जय शहीद खुलकर।
स्वर्णिम है इतिहास,सामरिक साहस शिवगंगाl
नीलगगन पर आज,लहर लहराय तिरंगा।
तन-मन जीवन दान,त्याग सिखलाय तिरंगाll

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