मानवता से अनुबंध

डॉ.आशा आजाद 'कृति'कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** आज करें अनुबंध शुभ, मानवता के साथ।दीन-दुखी के पीर पर, सदा बढ़ाएं हाथ॥ मनुज हृदय में प्रेम रख, काज करें नव एक।दुखी प्रफुल्लित जब दिखें, हुआ…

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बड़ा बहादुर था लाल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अंतर्मन स्वाधीनता, सत्य अहिंसा मंत्र।शास्त्री-गांधी शिष्य-गुरु, हिला ब्रिटिश खल तंत्र॥ तन मन धन अर्पण वतन, सत्याग्रह पथ क्रांति।आज़ादी अरमान बस, सुख वैभव बल शान्ति॥…

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धन्यवाद ज्ञापन पितर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** पावन मंगल भोर यह, पितृपक्ष जलदान।तर्पण-अर्पण पितर का, पुण्य अर्घ्य दें मान॥ पितरों को श्रद्धा प्रकट, तील कुश फलदान।पाऍं आशीर्वाद को, देकर कुल सम्मान॥…

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हिन्दी जीवन की कला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हिन्दी जीवन की कला, हिन्दी जीवन प्रीति।हिन्दी हिन्दुस्तान की, जीवन रस संगीत॥ संस्कार से पूरिता, सदाचार आलोक।हिन्दी भाषा मधुरिमा, श्रवण हरे मन शोक॥ बोधगम्य…

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मिले मनुज खुशियाँ कहाँ!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मिले मनुज खुशियाँ कहाँ, बिन पौरुष संसार।मिले सफलता श्रम बिना, खुशियाँ कहँ संसार॥ बंदी चारण भाट सम, जीवन बंटाधार।शासन सत्ता संविदा, दिखते भ्रष्टाचार॥ दावों…

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कैसा यह अभिशाप?

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कटते जाते पेड़ नित, बढ़ता जाता ताप।ज़हरीली सारी हवा, कैसा यह अभिशाप॥ द्रव ईंधन की है खपत, बिजली जलती ख़ूब।हरियाली नित रो रही, सूख गई सब…

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जिसका जैसा आचरण

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जिसका जैसा आचरण, वैसा हो व्यवहार।पहने सद्गुण आवरण, रहते छिपे सियार॥ सत्य चला जो आमरण, एक असत दुस्वार।ऐसा कोई अवतरण, कहाँ हुआ अवतार॥ होता जब तक जागरण,…

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हिन्दी हम हिन्द ए वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हिन्दी हम हिन्द ए वतन, भारत हिन्दुस्तान।राष्ट्र एकता सरसता, प्रेम शान्ति दे मान॥ समरसता सद्भावना, हिन्दी है आधार।जनमानस को जोड़ती, बोधगम्य संसार॥ बेटी प्राकृत…

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सत्य-शान्ति से धर्म-नीति

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सद्विचार समरस सुखी, मानवता में प्रीति।सत्य शान्ति के दीप से, चले धर्म और नीति॥ हो जीवन सुखसार जग, उन्नति हो जन आम।शिक्षा हो सब…

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शिल्पकार तुम-सा नहीं

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भगवान् विश्वकर्मा जयन्ती विशेष... शुक्ल कन्या तृतीया, ब्रह्मा सप्तक पूत।जन्म दिवस शुभकामना, आराधन विधि सूत॥ अभियन्ता जग में प्रथम, प्रथम सृष्टि निर्माण।रचे देव-देवी महल,…

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