कर वंदन

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* क्रंदन करना छोड़ दे, कर वंदन दिन-रात।प्रभु जी सुन के वंदना, करें सफल हर बात॥ श्रृद्धा से रख रौशनी, मन भीतर प्रभु वास।बैर-कपट मिटते सभी, रख प्रभु पर विश्वास॥ मानवता ही श्रेष्ठ है, बात समझ फिर मान।त्याग तपस्या को मिलें, प्रभु जी के वरदान॥ जीवन में संघर्ष से, बनता सुख … Read more

चंद्रयान:जय जय हिंदुस्तान

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* आज किया है चंद्र जय, जय हो भारत मात।‘इसरो’ के सिर ताज है, लगे रहे दिन- रात॥ आज चाँद को छू लिया, करें देश पर नाज।विस्मित पूरा विश्व है, अद्भुत है यह काज॥ मिलकर खुशी मनाइए, चाँद नहीं अब दूर।चंद्रयान पहुँचा दिया, हम भारत के शूर॥ उत्तम मास अगस्त का, दो … Read more

मनचाही वस्तु

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मनचाही वस्तु मिले, हो अपार आनंद।खुशियाँ महकाए हृदय, खिले सुयश मकरंद॥ मनचाहा पौरुष सदा, पाए नित संघर्ष।पग-पग बाधा राह में, तब होता उत्कर्ष॥ तन-मन संकल्पित सुपथ, मति विवेक रणधीर।बढ़ते पौरुष रत मनुज, बदले ख़ुद तकदीर॥ मानव चाहत अति प्रबल, मिहनत का मोहताज।हर दुर्गम पथ पार कर,गढ़ता नव आगाज॥ रहे … Read more

मीरा-श्याम दीवानी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* थी दीवानी श्याम की, मीरा जिसका नाम।जो युग-युग को बन गई, हियकर अरु अभिराम॥ पिया हलाहल,पर अमर, पाया इक वरदान।श्रद्धा से तो मिल गई, जीवन को नव आन॥ लोक लाज को तज हुई, मीरा भक्तिन रूप।खिली हृदय पावन-मधुर, मीठी-मोहक धूप॥ मीरा खोई श्याम में, श्याम बने मनमीत।नहीं हरा पाया उसे, मीरा … Read more

आ भी जाओ श्याम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तुम बिन रहा न जाय अब, आ भी जाओ श्याम।तरस रही मुरली श्रवण, मैं राधे प्रिय वाम॥ तुम बिन सब सूना समझ, हे गिरिधर गोपाल।नटखट पन छोड़ो लला, तुम राधा मधुशाल॥ तुम साजन माधव मदन, मैं राधे रति श्याम।केशव की कुसुमित कला, बनी नाद सुखधाम॥ नंदलाल लाली हृदय, राधा … Read more

बनें सखा मजबूत

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नेहिल होती मित्रता, होती सदा पवित्र।दुख में कर ना छोड़ता, हो यदि सच्चा मित्र॥ वही मित्र है ख़ास जो, कह दे चोखी बात।रहे संग वह नित मगर, बनकर के सौगात॥ कृष्ण-सुदामा से सखा, नहीं मिलेंगे और।ऐसा ही चलता रहे, सख्य भाव का दौर॥ पावनता का तेज हो, निश्छल हों सम्बंध।बनें सखा … Read more

सावन बरसे सुख मिले

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** पावन सावन-मन का आंगन… सावन पावन मास में, रिमझिम पडे़ फुहार।रम्यता खिली प्रकृति में, हो शिवकृपा अपार॥ श्रावण आया चल चले, महाकाल के धाम।कावड़ ले बम-बम कहो, सब बन जाए काम॥ सावन बरसे सुख मिले, तृप्त धरा की प्यास।सब प्राणी है हर्षमय, सुख, उमंग, नवआस॥ मोर, दादुर, पपीहरा, सुने … Read more

हरित भरित संसार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* क्षिति जल पावक नभ अनिल, बना सकल संसार।बने प्रदूषित मनुज से, क्षत-विक्षत आधार॥ मानवता का मोल ही, समझे जब संसार।कुछ पल का अस्तित्व जन, व्यक्ति कीर्ति आधार॥ पृथिवी माँ जो उर्वरित, हरित भरित संसार।हत्यारा ख़ुद का मनुज, प्रकृति किया संहार॥ सावन की बरसात की, रिमझिम बूंद फुहार।सत्य मधुर संभाष … Read more

उपवन है खिला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आया सावन मास शुभ, रिमझिम वृष्टि फुहार।हरितिम उपवन है खिला, सुरभित बहे बयार॥ महका उपवन फूल से, खिलते चारु गुलाब।मधुर मिलन विरही युगल, कशिश दिली बेताब॥ खिलती है यौवन कली, पावस ऋतु बरसात।डोला झूले झुलनियाँ, फँसे प्रणय जज़्बात॥ भीगे तन-मन यौवना, रग-रग पुलकित देह।कज़री गाती प्रियतमा, अभिलाषी प्रिय नेह॥ … Read more

तप में होता प्रताप

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* तप से हरदम बल मिले, मन हो जाता शांत।बिखरे नित नव चेतना, रहे नहीं मन क्लांत॥ तप में होती दिव्यता, मिलता है आवेग।इसमें पावनता भरी, जो बनती शुभ नेग॥ तप में संयम है भरा, सदाचार की बात।यह रचकर नव राह को, करता जगमग रात॥ तप में है गतिशीलता, जनहितकारी सार।बनकर के … Read more