गाँधी-सा होना नहीं आसान

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* कुदरत ने जब भेज दी, बासन्ती सौगात।पागल मन करने लगा, बहकी महकी बात॥ गाँधी-सा होना नहीं, कभी रहा आसान।जन-जन इसको जानता, सबको इसका ज्ञान।…

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माँ नर्मदा पुण्यों का उपहार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नित प्रवाहिनी नर्मदे, तेरा ताप अपार।देती है तू जीव को, पुण्यों का उपहार॥ रेवा मैया तू सदा, करती है उपकार।बनकर के वरदान तू, कर देती भव…

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अनुपमेय-उत्कृष्ट भारत महान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* शोभित,सुरभित,तेजमय, पावन अरु अभिराम।राष्ट्र हमारा मान है, लिए उच्च आयाम॥ राष्ट्र-वंदना मैं करूँ, करता हूँ यशगान।अनुपमेय,उत्कृष्ट है, भारत देश महान॥ नदियाँ,पर्वत,खेत,वन, सागर अरु मैदान।नैसर्गिक सौंदर्यमय, मेरा…

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प्रिया वसन्ती प्रिय मिलन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)********************************************* वसंत पंचमी विशेष... मधुरागम मधु माधवी, प्रिया बसन्ती नाज।नव पादप किसलय मृदुल, लता लवंगी साज॥ नवयौवन कलसी लसित, पीत वसन परिधान।मधुबाला रस रागिनी, मधुप प्रीतमधुगान॥…

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दो अच्छे संस्कार

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सर्दी सबको आजकल, सता रही दिन-रात।उत्तर से आती हवा, देती है आघात॥ सोते-जगते रात-दिन, करना है गुणगान।सबकी सुनता है सदा, अपना रब रहमान॥ अपनी…

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सुभाष:भारत माँ का लाड़ला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)*********************************************** सदा अथक संघर्ष ने, माँ भारत के त्राण।आत्मबल विश्वास दे,कर सुभाष निर्माण॥ भारत माँ का लाड़ला, महावीर सम पार्थ।मेधावी था अति प्रखर, दानवीर परमार्थ॥ मेरूदंड…

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धन्य-धन्य भारत मही

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)*********************************************** महिमामण्डन भारती, परमवीर बलिदान।धन्य-धन्य भारत मही, नूतन अनुसंधान॥ हिन्द देश पावन मही, संघर्षक प्रतिमान।विजयी नित पुरुषार्थ से, पाये यश सम्मान॥ वीरों से सज्जित मही, महाशक्ति…

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मुरली धुन में मोहित सब संसार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** जय श्री कृष्ण (भाग-२)... गोवर्धन पर्वत अटल, लिए कनिष्ठा थाम।ब्रज की रक्षा इंद्र से, किए कृष्ण सुखधाम॥ हर्षित ब्रज की गोपियाँ, हर्षित सारे ग्वाल।बजी कृष्ण…

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कविता में है चेतना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कविता में है चेतना, मानवता के भाव।कविता करती जागरण, दे जीने का ताव॥ कविता जीवनगीत है, करुणा रखती संग।कविता शब्दों से बने, परहित के ले रंग॥…

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मेरे प्यारे श्याम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** जय श्री कृष्ण (भाग-२)... महिमा तेरे नाम की, गाऊँ सुबह व शाम।जब तक घट में प्राण है, मेरे प्यारे श्याम॥ छोड़ तुझे जाऊँ कहाँ, करूँ…

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