कड़कती धूप

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** आज कड़कती धूप में, वृक्ष एक है मित्र।जनहित गुण परिपूर्ण है, खीचूँ उसका चित्र॥ वाहन पर मैं जा रहीं, मिलें राह पर छाँव।देह जलाती धूप है, कहीं न मिलता ठाँव॥ सड़क उगलती ताप है, हवा बहुत है गर्म।तन पर गमछा है मगर, बहुत जले है चर्म॥ प्यास लगी पथ पर मुझे, प्याऊ … Read more

पानी..जीवन आधार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* नदियाँ सागर रीतते, रीते ताल तड़ाग।ताप धरा का बढ़ रहा, सूख रहे वन बाग॥ पानी बिन सब सून है, ये जीवन आधार।तड़प रहे हैं जीव सब, मिले मेह की धार॥ पानी आँखों में नहीं, मिटे सभी संस्कार।सूखा पानी मनुज का, पड़े प्रकृति की मार॥ आस बची अब मेघ से, बरसाए जल … Read more

ढूंढ रहे सब छाँव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सूरज आतिश बन गया, तपे नगर औ’ गाँव।जीव सभी अकुला उठे, ढूंढ रहे सब छाँव॥ सूरज का आक्रोश है, बिलख रहे तालाब।कुंओं,नदी ने भी ‘शरद’, खो दी अपनी आब॥ कर्फ्यू सड़कों पर लगा, आतंकित हर एक।सूरज के तो आजकल, नहीं इरादे नेक॥ कूलर,पंखे हँस रहे, ए.सी.का है मान।ठंडे ने इस पल … Read more

तृप्त करो शिव नाथ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… स्वर्ग हिमालय की धरा, जहाँ शम्भु का धाम।पावन इस कैलाश को, नमन करूँ अविराम॥ हे गंगाधर प्राण पति, जोड़ूँ दोनों हाथ।गंगा की जलधार से, तृप्त करो शिव नाथ॥ जग जननी माँ पार्वती, कैलाशी भगवान।शरण तिहारे आ पड़ा, ये बालक नादान॥ महादेव संकट हरण, महिमा करूँ बखान।मुझमें कुछ भी … Read more

दो हजार…

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दो हजार फिर बंद है, मचा देश भूचाल।दहशत में चोरी जगत, नेता फिर बेहाल॥ दो हजार का नोट भी, हुआ आज से बंद।लूट घूस फिर शोक में, नेता खुशियाँ मंद॥ दो हजार के बाद क्या, होगा यह फिर प्रश्न।ख़फ़ा कुबेरी सल्तनत, जनसाधारण जश्न॥ दो हजार प्रतिबंध से, जमाख़ोर भूचाल।पकड़ी … Read more

सम्हालो शंभू शिव

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… चरण वंदना मैं करूँ, नित्य शिवालय धाम।दर्शन की आशा जगी, हे शिव पूरण काम॥ स्वीकारो विनती हरा, तुम हो कृपा निधान।भक्ति-भाव जानूँ नहीं,हूँ अनपढ़ इंसान॥ महादेव शिव शम्भु पर, हमको है विश्वास।दूर करेंगे दु:ख वही, हम क्यों तोड़े आस॥ मिलते हैं शिव धाम में, अद्भुत शांति अपार।जाकर देखो … Read more

मेरी सुनो पुकार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… आना भोलेनाथ प्रभु, सुनकर करुण पुकार।इस जग के सन्ताप से, देना हमें उबार॥ विनती बारम्बार है, मेरी सुनो पुकार।दुनिया को मैं छोड़कर, आया तेरे द्वार॥ शिव शंकर के साथ में, माँ गौरा-गणराज।कार्तिकेय भ्राता सहित, नमन करूँ मैं आज॥ महादेव प्रभु आप पर, हमको है विश्वास।श्रद्धा से जो जन … Read more

करता हूँ आराधना

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… अब तक जग में मैं रहा, होकर के अंजान।पाई भोले की शरण, हुआ कष्ट अवसान॥ निज संरक्षण में रखो, भटक न जाऊँ राह।नित्य करूँ आराधना, नहीं छोड़ना बाँह॥ सुन मेरी अरदास को, दौड़े आना पास।एक सहारा आप ही, है भोले विश्वास॥ भाव-भक्ति जानूँ नहीं, विनती हो स्वीकार।करता हूँ … Read more

पाक सुनो हूंकार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************* पाक सुनो हूंकार को, जागा युवा महान।विश्व पटल चहुँ मुख घिरे, होगा तुझ अवसान॥ बहुत मचायी दहशत, खेले खूनी खेल।समझ इसे चेतावनी, करो शान्ति से मेल॥ खून-खराबा नफ़रतें, फैलाये तुम पाक।युवाशक्ति भारत जगा, अब तुम होगे ख़ाक॥ कब तक चीनी आश मन, रखते पाकिस्तान।सुनो सैन्य हुंकार को, उद्यत रिपु … Read more

प्रकृति बहुत नेहिल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सुंदर हैं नदियाँ सभी, भाता पर्वतराज।वन-उपवन मोहित करें, दिल खुश होता आज॥ कितनी प्यारी लग रही, देखो तो यह झील।अमिय लगे यह नीर तो, पसरी मीलों मील॥ सैलानी आनंद लें, करें भ्रमण सानंद।क़ुदरत के सब कुछ दिया, कर रमण पसंद॥ खग चहकें,दौड़ें हिरण, कूके कोयल,मोर।प्रकृति-शिल्प मन-मोहता, किंचित भी ना शोर॥ प्रकृति … Read more