खूनी है अब आचरण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* जीवन है विपरीत अब, सब कुछ है प्रतिकूल।फूलों की बातें नहीं, चुभते हैं नित शूल॥ रोज़ विहँसता झूठ अब, हार गई मुस्कान।सच्चा अवसादों घिरा, मिथ्या…

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भ्रम में कुछ इंसान

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* लोकतंत्र का कोहरा, तब ही होगा साफ।जन मानस को जब मिले, बिना भेद इंसाफ़॥ सारी दुनिया मानतीे, कण-कण में भगवान।ये तो शाश्वत सत्य है,…

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मेघ की लालसा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* ओ रे मेघा… मेघों की यह लालसा, मनुज जनों से आज,वृक्ष न काटें जानकर, शुभ अपना आगाज॥ कैसे आएँ मेघ जब, नहीं वृक्ष में जान।हरियाली को…

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पौरुष सम नहीं मीत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** भाग्य और पुरुषार्थ में, श्रेष्ठ चयन पुरुषार्थ।सुफल सुखद पौरुष सुयश, देश भक्ति परमार्थ॥ सुपथ समादर नित जगत, जो जीवन गतिमान।मार्ग कठिन, पर सफलता, देती…

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भूल गए औकात

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** भूल गए औकात हैं, पाकर थोड़ा ज्ञान।अपनों को भी भूलते, करें अमित अभिमान॥ भूल गए औकात वे, भूली पिछली बात।छाया दौलत का नशा, डूबे हैं दिन रात॥ भूल…

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जय ज़वान माँ भारती

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** सैनिक सरहद पर खड़े, छोड़ मोह परिवार।तन-मन-धन अर्पण वतन, लीन शत्रु संहार॥ पुलकित मन माँ भारती, देख समर्पण पूत।साश्रु नैन स्नेहिल हृदय, नित कृतज्ञ…

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संवेदना-एक वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* जीवन में संवेदना, लाती है मधुमास।आँखों में आती नमी, मानव तब हो ख़ास॥ नम आँखों में ही दिखे, करुणा का नव रूप॥जिससे खिलती चाँदनी, बिखरे…

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संयम है उत्थान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* संयम का है ही नहीं, किंचित यहां विकल्प।संयम को नित मानना, आगत का संकल्प॥ संयम को तो मानकर, मानव बने महान।संयम वह संकल्प है, जो…

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देख रहे सब लोग

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* नर्म करो तेवर ज़रा, भरसक रक्खो लोच।उनकी करो सराहना, अच्छी जिनकी सोच॥ लोकतंत्र मज़बूत हो, जब होवै संवाद।बातचीत से हल हुए, छोटे-बड़े विवाद॥ अजब…

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सद् विचार पूँजी बड़ी

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सद् विचार पूँजी बड़ी, माने ये संसार।ग़लत राह से रोकते, कम करते हैं खार॥ धनवानों को राहबर, रोज़ करें सैल्यूट।देश लूटने की सदा, देते…

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