बेटी की आह सुनो
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** चाहे जो कानून हो,कोई भी सरकार। सोच न बदले स्वयं का,अंत नहीं व्यभिचारll शर्मनाक अमानवीय,निंदनीय आचार। मर चुकी इन्सानियत,निर्भय वह लाचारll मौत मिले…